किसान आंदोलन के चलते किसान परेशान, सब्जी की कम कीमत मिलने पर किसानों ने खड़ी फसल खेत पर चलाया ट्रेक्टर

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कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन जिले के सब्जी किसानों के लिए मुसीबत खड़ी करने लगा है। गोभी की भाव ऐसा गिरा कि किसानों को अपने खेत में ट्रैक्टर चलाकर फसल जोतनी पड़ गई।

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का असर अब नजर आना शुरू हो गया है। पश्चिमी यूपी में फल व सब्जियों की खेती करने वाले किसान अपनी सब्जियों को दिल्ली नहीं लेकर जा पा रहे हैं, ऐसे में स्थानीय मंडियों में उन्हें सब्जियों को औने-पौने दाम बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के बागपत में मंगलवार को गोभी व मूली का भाव एक रुपया किलो मिलने के बाद जिले के दो किसानों ने खेत में खड़ी फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया।
किसानों का कहना है कि मेरठ की मंडी में कभी एक तो कभी दो रुपये प्रति किलो उनकी गोभी खरीदी जा रही है, वाहन खर्च भी नहीं निकल रहा है। फसल जोतने के अलावा कोई विकल्प उनके पास नहीं बचा था।

बिनौली क्षेत्र के रंछाड़ा गांव के किसान रामकिशोर, गुलबीर सिंह, रवि तोमर ने बताया कि गोभी की फसल में घाटा हुआ है। आंदोलन से पहले वह गोभी की सप्लाई दिल्ली कर रहे थे, जहां पर भाव 15 रुपये प्रति किलो मिलता था, आंदोलन के बाद भाव घटना शुरू हुआ।

भाव सात से आठ रुपये प्रति किलो पर पहुंचा तो उन्होंने सप्लाई मेरठ करनी शुरू कर दी। मेरठ की मंडी में इन दिनों एक और दो रुपये प्रति किलो का भाव है। बड़ौत में कम खरीद होती है। रामकिशोर ने बताया कि उसने अपनी तीन बीघा और गुलबीर सिंह ने पांच बीघा गोभी की फसल जोत दी है।  अब वह गेहूं बुआई करेंगे, गोभी से उन्हें नुकसान हुआ है।

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