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|| जय श्री राधे ||
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
ll जय श्री राधे ll
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दिनाँक-:14/12/2020,सोमवार
अमावस्या, कृष्ण पक्ष
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि —–अमावस्या 21:45:38 तक
पक्ष —————————कृष्ण
नक्षत्र ———ज्येष्ठा 23:24:55
योग —————शूल 24:51:21
करण ——–चतुष्पद 11:13:03
करण ————-नाग 21:45:38
वार ————————-सोमवार
माह ———————– मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि —–वृश्चिक23:24:55
चन्द्र राशि ———————-धनु
सूर्य राशि ——————-वृश्चिक
रितु —————————–शरद
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ——————— शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-07:02:57
सूर्यास्त —————–17:25:10
दिन काल ————- 10:22:12
रात्री काल ————-13:38:24
चंद्रास्त —————-17:11:11
चंद्रोदय —————–31:22:08
लग्न —-वृश्चिक 28°22′ , 238°22′
सूर्य नक्षत्र ——————ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र ——————-ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया ———————ताम्र
??? पद, चरण ???
नो —-ज्येष्ठा 07:04:19
या —-ज्येष्ठा 12:30:12
यी —-ज्येष्ठा 17:57:02
यू —-ज्येष्ठा 23:24:55
ये —-मूल 28:54:01
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य=वृश्चिक 28°22 ‘ ज्येष्ठा , 4 यू
चन्द्र = वृश्चिक 19°23′ ज्येष्ठा ‘ 1 नो
बुध = वृश्चिक 25°07 ‘ ज्येष्ठा’ 3 यी
शुक्र= वृश्चिक 03 °55, अनुराधा ‘ 1 ना
मंगल=मीन 26°30 ‘ रेवती ‘ 3 च
गुरु=मकर 04°22 ‘उ oषा o , 3 जा
शनि=मकर 05°43 ‘ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=(व)वृषभ 25°40 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 25°40 ज्येष्ठा , 3 यी
???शुभा$शुभ मुहूर्त???
राहू काल 08:21 – 09:39 अशुभ
यम घंटा 10:56 – 12:14 अशुभ
गुली काल 13:32 – 14:50 अशुभ
अभिजित 11:53 -12:35 शुभ
दूर मुहूर्त 12:35 – 13:16 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:39 – 15:21 अशुभ
?गंड मूल अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
अमृत 07:03 – 08:21 शुभ
काल 08:21 – 09:39 अशुभ
शुभ 09:39 – 10:56 शुभ
रोग 10:56 – 12:14 अशुभ
उद्वेग 12:14 – 13:32 अशुभ
चर 13:32 – 14:50 शुभ
लाभ 14:50 – 16:07 शुभ
अमृत 16:07 – 17:25 शुभ
?चोघडिया, रात
चर 17:25 – 19:07 शुभ
रोग 19:07 – 20:50 अशुभ
काल 20:50 – 22:32 अशुभ
लाभ 22:32 – 24:14* शुभ
उद्वेग 24:14* – 25:57* अशुभ
शुभ 25:57* – 27:39* शुभ
अमृत 27:39* – 29:21* शुभ
चर 29:21* – 31:04* शुभ
?होरा, दिन
चन्द्र 07:03 – 07:55
शनि 07:55 – 08:47
बृहस्पति 08:47 – 09:39
मंगल 09:39 – 10:30
सूर्य 10:30 – 11:22
शुक्र 11:22 – 12:14
बुध 12:14 – 13:06
चन्द्र 13:06 – 13:58
शनि 13:58 – 14:50
बृहस्पति 14:50 – 15:41
मंगल 15:41 – 16:33
सूर्य 16:33 – 17:25
?होरा, रात
शुक्र 17:25 – 18:33
बुध 18:33 – 19:42
चन्द्र 19:42 – 20:50
शनि 20:50 – 21:58
बृहस्पति 21:58 – 23:06
मंगल 23:06 – 24:14
सूर्य 24:14* – 25:23
शुक्र 25:23* – 26:31
बुध 26:31* – 27:39
चन्द्र 27:39* – 28:47
शनि 28:47* – 29:55
बृहस्पति 29:55* – 31:04
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान———————पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 15 + 2 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
? शिव वास एवं फल -:
30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
- देवपितृ अमावस्या
- सोमवती अमावस्या