राम मंदिर के लिए आमरण अनशन रखने वाले महंत परमहंस दास ने राष्ट्रपति को लिखा इच्छामृत्यु पत्र

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राम मंदिर के लिए कई दिनों तक आमरण अनशन कर चर्चा में आए तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर के इच्छामृत्यु की मांग की है।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में महंत परमहंस दास ने राष्ट्र को विभाजन से बचाने के लिए राष्ट्र हित में जनहित में सात सूत्रीय मांग की है जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, बेटियों की शिक्षा मुफ्त हो, गोवंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना एवं ग्राम स्तर पर गौ सेवा प्रधान के द्वारा सुनिश्चित करना, रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया करना और इसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनिवार्य किया जाना, योग्यता के आधार पर बेरोजगारों को नौकरी दिया जाना और राष्ट्र को बेरोजगारी से मुक्त करने की मांगें की है। परमहंस दास ने पत्र में लिखा है कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो फिर इच्छामृत्यु का आदेश दिया जाए।

बताते चलें कि राम मंदिर निर्माण के लिए महंत परमहंस दास 9 दिनों तक अनशन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया था। अभी अक्टूबर माह में महंत परमहंस दास ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर करीब 15 दिनों तक अनशन किया था।

परमहंस दास ने इस बार अनशन तो नहीं किया लेकिन राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु जरूर मांगी है। महंत परमहंस दास ने कहा कि मैंने जो सात मांगें की है वह राष्ट्र के हित में है। राष्ट्रपति महोदय से यह भी मांग की है कि यदि हमारी मांगें पूरी ना हो सके तो हमें इच्छा मृत्यु का आदेश दिया जाए।

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