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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 29/11/2020,रविवार-*
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ——–चतुर्दशी 12:47:04 तक
पक्ष —————————शुक्ल
नक्षत्र ——–कृत्तिका 30:02:10
योग ————-परिघ 10:07:43
करण ———वणिज 12:47:04
करण ——विष्टि भद्र 25:55:01
वार ————————-रविवार
माह ———————— कार्तिक
चन्द्र राशि ——–मेष 10:00:16
चन्द्र राशि ——————–वृषभ
सूर्य राशि ——————-वृश्चिक
रितु —————————–शरद
सायन ————————-हेमन्त
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर)————–प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————–06:52:20
सूर्यास्त —————–17:22:49
दिन काल ————–10:30:28
रात्री काल ————13:30:17
चंद्रोदय —————-16:48:40
चंद्रास्त —————–30:35:35
लग्न —-वृश्चिक 13°8′ , 223°8′
सूर्य नक्षत्र —————अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र —————–कृत्तिका
नक्षत्र पाया ——————–लोहा
*??? पद, चरण ???*
अ —-कृत्तिका 10:00:16
ई —-कृत्तिका 16:41:50
उ —-कृत्तिका 23:22:30
ए —–कृत्तिका 30:02:10
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=वृश्चिक 13°52 ‘अनुराधा , 3 नू
चन्द्र = मेष 28°23’ कृतिका ‘ 1 अ
बुध = तुला 01°07 ‘ विशाखा’ 4 तो
शुक्र= तुला 15°55, स्वाति ‘ 3 रो
मंगल=(व)मीन 22°30’ रेवती ‘ 2 दो
गुरु=धनु 01°22 ‘ उ oषा o , 2 भो
शनि=मकर 03°43’ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=(व)वृषभ 26°35 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 26°35 ज्येष्ठा , 3 यी
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 16:04 – 17:23 अशुभ
यम घंटा 12:08 – 13:26 अशुभ
गुली काल 14:45 – 16:04 अशुभ
अभिजित 11:47 -12:29 शुभ
दूर मुहूर्त 15:59 – 16:41 अशुभ
?चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:52 – 08:11 अशुभ
चर 08:11 – 09:30 शुभ
लाभ 09:30 – 10:49 शुभ
अमृत 10:49 – 12:08 शुभ
काल 12:08 – 13:26 अशुभ
शुभ 13:26 – 14:45 शुभ
रोग 14:45 – 16:04 अशुभ
उद्वेग 16:04 – 17:23 अशुभ
?चोघडिया, रात
शुभ 17:23 – 19:04 शुभ
अमृत 19:04 – 20:45 शुभ
चर 20:45 – 22:27 शुभ
रोग 22:27 – 24:08* अशुभ
काल 24:08* – 25:49* अशुभ
लाभ 25:49* – 27:31* शुभ
उद्वेग 27:31* – 29:12* अशुभ
शुभ 29:12* – 30:53* शुभ
?होरा, दिन
सूर्य 06:52 – 07:45
शुक्र 07:45 – 08:37
बुध 08:37 – 09:30
चन्द्र 09:30 – 10:23
शनि 10:23 – 11:15
बृहस्पति 11:15 – 12:08
मंगल 12:08 – 13:00
सूर्य 13:00 – 13:53
शुक्र 13:53 – 14:45
बुध 14:45 – 15:38
चन्द्र 15:38 – 16:30
शनि 16:30 – 17:23
?होरा, रात
बृहस्पति 17:23 – 18:30
मंगल 18:30 – 19:38
सूर्य 19:38 – 20:45
शुक्र 20:45 – 21:53
बुध 21:53 – 23:00
चन्द्र 23:00 – 24:08
शनि 24:08* – 25:15
बृहस्पति 25:15* – 26:23
मंगल 26:23* – 27:31
सूर्य 27:31* – 28:38
शुक्र 28:38* – 29:46
बुध 29:46* – 30:53
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान———————पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
14 + 1 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*? शिव वास एवं फल -:*
14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
दोपहर 12:47 से रात्रि 25:53 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*?? विशेष जानकारी ??*
* पूर्णिमा व्रत
* कार्तिक व्रत उद्यापन
* पुष्कर यात्रा ,त्रिपुरोत्सव
*??? शुभ विचार ???*
संसारतापदग्धानां त्रयो विश्रान्तेहेतवः ।
अपत्यं च कलत्रं च सतां सड्गतिरेव च ।।
।।चा o नी o।।
जब व्यक्ति जीवन के दुःख से झुलसता है उसे निम्नलिखित ही सहारा देते है…
१. पुत्र और पुत्री २. पत्नी ३. भगवान् के भक्त.
*??? सुभाषितानि ???*
गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06
शनैः शनैरुपरमेद्बुद्धया धृतिगृहीतया।,
आत्मसंस्थं मनः कृत्वा न किंचिदपि चिन्तयेत् ॥,
क्रम-क्रम से अभ्यास करता हुआ उपरति को प्राप्त हो तथा धैर्ययुक्त बुद्धि द्वारा मन को परमात्मा में स्थित करके परमात्मा के सिवा और कुछ भी चिन्तन न करे॥,25॥,
*?? दैनिक राशिफल ??*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
किसी यात्रा का अचानक कार्यक्रम बन सकता है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। रोजगार में वृद्धि होगी। कोई नया कार्य मिलने के योग हैं। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। ऐश्वर्य के साधन मिलेंगे।
?वृष
राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शरीर में दर्द रह सकता है। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। आय में वृद्धि होगी। किसी नए कार्य को प्रारंभ करने की रूपरेखा बनेगी। उत्साह से कार्य कर पाएंगे।
?मिथुन
प्रेम-प्रसंग में भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। यात्रा पर व्यय होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। किसी अपने का व्यवहार समझ में नहीं आएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
?कर्क
निवेश शुभ रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही होगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। जल्दबाजी न करें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी।
?सिंह
घर में अतिथियों का आगमन होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का साथ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। शत्रु पस्त होंगे। लाभ होगा।
?कन्या
गुरु का सान्निध्य प्राप्त हो सकता है। नौकरी में अधिकार प्राप्त हो सकते हैं। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कोर्ट-कचहरी तथा सरकारी कार्यालय में रुके काम पूरे होंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। वस्तुएं संभालकर रखें। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।
तुला
व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। कोई शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। असमंजस की स्थिति बन सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। लाभ होगा।
राशि फलादेश
?वृश्चिक
मेहनत का फल प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। आय में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेशादि शुभ फल देंगे। पारिवारिक चिंता रहेगी। विवाद न करें। जोखिम से बचें।
?धनु
चोट-दुर्घटना, दु:ख-बीमारी से शारीरिक तथा आर्थिक हानि संभव है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। फालतू बातों पर ध्यान न देकर अपने काम पर ध्यान दें। विवाद से बचें। व्यापार-व्यवसाय की गति बनी रहेगी।
?मकर
दांपत्य जीवन में खुशी रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद से बचकर ध्यान दें। कारोबार अच्छा चलेगा। निवेश इत्यादि मनोनुकूल रहेंगे। यात्रा की योजना बनेगी।
?कुंभ
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग का मन पठन-पाठन आदि में लगेगा। आय बनी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।
?मीन
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। कारोबारी बड़े फैसले ले पाएंगे। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी पुरानी शत्रुता की चिंता रहेगी।
?आपका दिन मंगलमय हो?
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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599