सिंधी अकादमी का गठन व महापुरुषों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करें बिहार सरकार: ओमी

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दिल्ली: सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार पर सिंधी समाज ने बिहार सिंधी अकादमी के गठन के लिए दबाव बनाना शुरू किया अकादमी गठन के लिए कई बार पटना, कटिहार, दरभंगा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर आदि जिलों के प्रमुख सिंधी समाज के लोगों ने मांग की है लेकिन अकादमी का गठन अब तक नहीं हुआ अकादमी गठन के साथ-साथ नई शिक्षा नीति के तहत बिहार की सरकारी पाठ्य क्रम में जिसमें कक्षा छह,सात व आठ मे प्रभु झूलेलाल, अमर शहीद संत कंवरराम, सिंधुपति राजा दाहरसेन व अमर शहीद हेमू कालानी का जीवन परिचय भी पुस्तकों में शामिल करने की मांग की गई है लेकिन सरकार ने सिंधी समाज की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है जिससे बिहार सिंधी समाज में सरकार के प्रति भारी रोष है |
इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने कहा कि बिहार सिंधी अकादमी का गठन हो व सिंधी महापुरुषों का इतिहास सरकारी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाए यह बहुत जरूरी है क्योंकि सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति ही नहीं बची तो सिंधी समाज का वजूद बिहार में समाप्त हो जाएगा उन्होंने कहा कि दो बार नीतीश सरकार को और एक बार केंद्र की मोदी सरकार को मांगों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है लेकिन बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि अभी तक मांगे पूरी नहीं हुई है उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंधी समाज से अकादमी गठन का वादा किया था |
मुख्यमंत्री को अब वादा पूरा करना चाहिए उन्होंने कहा कि बिहार के नवनियुक्त सातवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार से बिहार का सिंधी समाज शीघ्र ही मिलकर मांगों का एक प्रस्ताव पुनः सौंपेगा और यदि मांगे नहीं पूरी हुई तो समाज सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगा |

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