पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 5 नवंबर 2020

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 05/11/2020,गुरुवार*
पंचमी, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ————–पंचमी अहोरात्र तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र ———–आर्द्रा 30:43:54
योग ————-शिव 06:54:14
करण ———कौलव 17:59:02
वार ————————-गुरूवार
माह ————————-कार्तिक
चन्द्र राशि ——————मिथुन
सूर्य राशि ———————-तुला
रितु —————————-शरद
आयन —————– दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर)————- प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2076
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-06:33:59
सूर्यास्त —————–17:31:13
दिन काल ————-10:57:14
रात्री काल ————-13:03:28
चंद्रास्त —————-10:31:18
चंद्रोदय —————–21:02:14
लग्न —-तुला 18°56′ , 198°56′
सूर्य नक्षत्र ——————स्वाति
चन्द्र नक्षत्र ——————–आर्द्रा
नक्षत्र पाया ——————–रजत
*??? पद, चरण ???*
कु —-आर्द्रा 11:21:10
घ —-आर्द्रा 17:50:42
ङ —-आर्द्रा 24:18:19
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=तुला 18°52 ‘ स्वाति , 4 ता
चन्द्र = मिथुन 07°23 ‘ आर्द्रा ‘ 1 कु
बुध = तुला 01°07 ‘ चित्रा’ 3 रा
शुक्र= कन्या 15°55, हस्त ‘ 2 ष
मंगल=(व)मीन 21°30’ रेवती ‘ 2 दो
गुरु=धनु 26°22 ‘ उ oषा o , 1 भे
शनि=मकर 02°43’ उ oषा o ‘ 2 भो
राहू=(व)वृषभ 27°50 ‘मृगशिरा , 2 वो
केतु=(व)वृश्चिक 27°50 ज्येष्ठा , 4 यू
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 13:25 – 14:47 अशुभ
यम घंटा 06:34 – 07:56 अशुभ
गुली काल 09:18 – 10:40 अशुभ
अभिजित 11:41 -12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 10:13 – 10:57 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:36 – 15:20 अशुभ
?चोघडिया, दिन
शुभ 06:34 – 07:56 शुभ
रोग 07:56 – 09:18 अशुभ
उद्वेग 09:18 – 10:40 अशुभ
चर 10:40 – 12:03 शुभ
लाभ 12:03 – 13:25 शुभ
अमृत 13:25 – 14:47 शुभ
काल 14:47 – 16:09 अशुभ
शुभ 16:09 – 17:31 शुभ
?चोघडिया, रात
अमृत 17:31 – 19:09 शुभ
चर 19:09 – 20:47 शुभ
रोग 20:47 – 22:25 अशुभ
काल 22:25 – 24:03* अशुभ
लाभ 24:03* – 25:41* शुभ
उद्वेग 25:41* – 27:19* अशुभ
शुभ 27:19* – 28:57* शुभ
अमृत 28:57* – 30:35* शुभ
?होरा, दिन
बृहस्पति 06:34 – 07:29
मंगल 07:29 – 08:24
सूर्य 08:24 – 09:18
शुक्र 09:18 – 10:13
बुध 10:13 – 11:08
चन्द्र 11:08 – 12:03
शनि 12:03 – 12:57
बृहस्पति 12:57 – 13:52
मंगल 13:52 – 14:47
सूर्य 14:47 – 15:42
शुक्र 15:42 – 16:36
बुध 16:36 – 17:31
?होरा, रात
चन्द्र 17:31 – 18:37
शनि 18:37 – 19:42
बृहस्पति 19:42 – 20:47
मंगल 20:47 – 21:52
सूर्य 21:52 – 22:58
शुक्र 22:58 – 24:03
बुध 24:03* – 25:08
चन्द्र 25:08* – 26:14
शनि 26:14* – 27:19
बृहस्पति 27:19* – 28:24
मंगल 28:24* – 29:29
सूर्य 29:29* – 30:35
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 5 + 5 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*? शिव वास एवं फल -:*
20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*?? विशेष जानकारी ??*
* शिव योग 06:07 से
*??? शुभ विचार ???*
निर्गुणस्य हतं रूपं दुःशीलस्य हतं कुलम् ।
असिध्दस्य हता विद्या अभोगेन हतं धनम् ।।
।।चा o नी o।।
निति भ्रष्ट होने से सुन्दरता का नाश होता है. हीन आचरण से अच्छे कुल का नाश होता है. पूर्णता न आने से विद्या का नाश होता है. उचित विनियोग के बिना धन का नाश होता है.
*??? सुभाषितानि ???*
गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06
अनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः ।,
स सन्न्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रियः ॥,
श्री भगवान बोले- जो पुरुष कर्मफल का आश्रय न लेकर करने योग्य कर्म करता है, वह संन्यासी तथा योगी है और केवल अग्नि का त्याग करने वाला संन्यासी नहीं है तथा केवल क्रियाओं का त्याग करने वाला योगी नहीं है॥,1॥,

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
मानसिक शांति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
?वृष
वाहन व मशीनरी इत्यादि के प्रयोग में लापरवाही न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
?मिथुन
कार्यक्षेत्र के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। बिगड़े काम बन सकते हैं। समाजसेवा करने का मन बनेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रहेगी।
?कर्क
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
?सिंह
समाजसेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिलने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
?‍♀️कन्या
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। किसी आनंदोत्सव में भाग ले सकते हैं। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।
⚖️तुला
किसी तरह से बड़ा लाभ होने की संभावना है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी तरह के विवाद में विजय प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्‍छा रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में नया कार्य मिल सकता है।
?वृश्चिक
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। थकान व कमजोरी रह सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों से अधिक अपेक्षा न करें। बेवजह चिड़चिड़ापन रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्य में मन नहीं लगेगा।
?धनु
भावना में बहकर महत्वपूर्ण निर्णय न लें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लाभ होगा। स्वास्थ्य के संबंध में लापरवाही न करें। स्वास्थ्‍य पर व्यय होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी।
?मकर
मनपसंद व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य उत्साह व लगन से कर पाएगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। प्रमाद न करें।
?कुंभ
घर, दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार में बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके काम बनेंगे। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।
?मीन
प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में मातहत साथ देंगे।
?आपका दिन मंगलमय हो?
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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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