लखनऊ : प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने डायल 112 की रफ्तार रोकी

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उत्तर प्रदेश में किसी भी आपातकालीन हालात में अब आपको पुलिस सहायता के लिए 100 के बजाए 112 नंबर डायल करना होगा। यूपी पुलिस ने 100 पर मिल रही शिकायतों को 112 नंबर की आपातकालीन सेवाओं में परिवर्तित कर दिया गया लोगों की सुविधा के लिए नई प्रणाली के तहत 112 नंबर से डायल नंबर 100 (पुलिस), 101 (दमकल) और 108 (स्वास्थ्य) सेवाओं को एक साथ जोड़ दिया गया है। इससे पहले इमरजेंसी सेवाओं के लिए 20 से अधिक आपात नंबर थे। कई बार कुछ नंबरों के व्यस्त होने के कारण फोन मिल पाना संभव नहीं हो पाता था, लेकिन नई प्रणाली के लागू हो जाने के बाद से लोगों को इन दिक्कतों से छुटकारा मिल गया |
गृह मंत्री अमित शाह ने देश की पहली एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली को लांच किया था। इसके लागू हो जाने के बाद लोगों को अलग-अलग परिस्थितियों के लिए अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत सरकार से भी पूरे भारत में एक हेल्पलाइन नंबर प्रदान करने की आशा की गई थी, ताकि देश की जनता के साथ-साथ विदेशी लोग भी भारत में इस सुविधा का उपयोग कर सकें। भारत सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 112 चुना है। इसे चरणबद्ध स्तर से पूरे देश में लागू किया गया। प्रदेश सरकार ने इस हेल्पलाइन नंबर को 26 अक्टूबर 2019 से पूरे प्रदेश में लागू करने की घोषणा की गई थी |
मल्टीमीडिया फोन से नहीं मिलता 112
मल्टीमीडिया मोबाइल से एयरटेल और वोडाफोन वाले ग्राहक 112 नंबर डायल करने पर इंसर्ट द सिम कार्ड यानी फोन में सिम डालने के लिए बोलता रहता है और जैसे ही उसी फोन से डायल 100 करिए तो स्वतः कॉल 112 पर चली जाती है और कॉल मिल भी जाती है यानी मल्टीमीडिया फोन में एयरटेल और वोडाफोन सिम हैं  तो 112 डायल ना होना यह एक गंभीर तकनीकी समस्या है और एयरटेल और वोडाफोन कंपनी के सिम यूजर सबसे ज्यादा उत्तर भारत में है
ग्रामीण क्षेत्रों में डायल 112 के प्रचार प्रसार की कमी 
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डायल 112 से बेहतर है डायल 100 क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 112 को लोग नहीं जानते हैं लेकिन 100 नंबर मिलाने को बोलो तो सब जान जाते हैं पुलिस को फोन करना है प्रदेश सरकार द्वारा डायल 112 का खूब प्रचार प्रसार किया गया लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने नंबर डायल 100 पर ही लोग ज्यादा विश्वास करते हैं इसलिये अभी प्रचार प्रसार और ज्यादा जरूरत है
जानें, डायल 112 ही क्यों?
भारत के अलावा विश्व के 80 देशों में आपात सेवा का नंबर 112 है। 1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल ऐंड टेलिकम्युनिकेशन (सीईपीटी) ने 112 नंबर का आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर के लिए चयन किया था। उस दौरान टेलिफोन में 112 नंबर डायल करने में सबसे कम समय लगता था। इसकी एक वजह यह भी थी कि उस समय टेलिफोन के तीन नंबर छेद में छोटा सा ताला लगाकर फोन को लॉक किया जाता था इसलिए फोन लॉक होने के बाद भी 112 नंबर मिलाया जा सकता था।
डायल 100 की विदेशों में विभिन्न पहचान
इन सभी देशों जैसे अफगानिस्तान, नेपाल, इजराइल, तुर्की, पाकिस्तान एवं इराक में डायल 100 इमरजेंसी नंबर है लेकीन ब्राजील में यह ह्यूमन राइट का नंबर है और मंगोलिया में संकरण बचाव का नंबर है और बेल्जियम में फायर एवं एंबुलेंस का नंबर है और पेरू में घरेलू हिंसा एवं बालविकास और ग्रीस में डायल 100 और डायल 112 दोनों इमरजेंसी नंबर है
महिला हेल्पलाइन नंबर पर सराहनीय सतर्कता
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिकायतों को को लेकर विशेष सतर्कता दिखाई दी हेल्प डेस्क द्वारा दो बेल में कॉल रिसीव हो जाता है डायल 1090 1091 और 181 यह सभी महिला हेल्पलाइन नंबर है इन हेल्पलाइन नंबर को डायल करने पर त्वरित कारवाही होती है जो कि महिला सुरक्षा हेल्पलाइन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाता है महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए यह एक सराहनीय कदम है
राघवेंद्र सिंह 
संवाददाता राष्ट्रीय जजमेंट लखनऊ

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