अभिभावकों को 20 अक्टूबर तक मिली राहत, हाई कोर्ट ने अब स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार को दी जिम्मेदारी

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जयपुर: राज्य के लाखों अभिभावकों को 20 अक्टूबर तक राहत मिली है. निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली पर राजस्थान हाई कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश पर रोक जारी रखी है. कोर्ट ने अब स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार को जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र पेश करने का आदेश भी दिया है.|
कोरोनाकाल के लिए राज्य सरकार तय कर सकती है स्कूल फीस:
हाई कोर्ट ने कहा कि महामारी अधिनियम के तहत राज्य सरकार को शक्तियां हासिल हैं. ऐसे में सरकार कोरोनाकाल में फीस तय कर सकती है. इसलिए 19 अक्टूबर तक राज्य सरकार मामले में शपथ पत्र पेश करें. वहीं अब इस मामले में 20 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. इसी के चलते एकलपीठ के आदेश पर भी 20 अक्टूबर तक रोक जारी रहेगी. सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस एसके शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, अधिवक्ता सुनील समदड़िया व अन्य की अपीलों पर बुधवार को सुनवाई की|
स्कूली बच्चों की समस्याओं का ध्यान रखना सरकार की जिम्मेदारी:
इससे पहले कोर्ट ने पिछली सुनवाई में माना था कि प्री-प्राइमरी कक्षाएं भी फीस कानून के दायरे में आती हैं और स्कूली बच्चों की समस्याओं का ध्यान रखना सरकार की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने मामले में पक्षकारों की बहस पूरी होने पर फैसला बाद में देना तय किया था. साथ ही अदालत ने माना था कि स्कूल फीस नियामक कानून की प्रभावी तरीके से पालना नहीं हो पा रही है|
निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दी थी:
दरअसल, हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 7 सितंबर को प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दी थी. एकलपीठ के इस आदेश को राज्य सरकार सहित अन्य के खंडपीठ में चुनौती देने पर खंडपीठ ने एकलपीठ के फीस वसूली के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी |

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