पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 14 अक्टूबर 2020

0
*??   दैनिक राशिफल   ??*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। राजकीय बाधा संभव है। नए काम मिल सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। अपेक्षित कार्य समय पर पूरे होने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा की योजना बनेगी।
?वृष
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। व्यय होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग समय पर मिलेगा।
?मिथुन
झंझटों में न पड़ें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। आय में कमी हो सकती है। धनहानि की आशंका बनती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों की अपेक्षा बढ़ेगी। न चाहकर भी विवाद हो सकता है।
?कर्क
तंत्र-मंत्र में रुझान रहेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। किसी तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। प्रभावशाली व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य नरम हो सकता है।
?सिंह
नए काम मिलने की संभावना है। आय के स्रोत बढ़ेंगे। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होंगे। रुके कार्य पूर्ण होंगे। भाग्य की अनुकूलता है। भरपूर प्रयास करें। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में सफलता मिलेगी।
?‍♀️कन्या
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यावसायिक कार्य के लिए लंबी यात्रा की योजना बनेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। निवेश शुभ रहेगा। धनलाभ में वृद्धि के योग हैं। कारोबार अच्‍छा चलेगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला
किसी अपने ही वाले व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नकारात्मकता रहेगी। यात्रा में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। व्ययवृद्धि होगी। दूसरों के कार्य कर पाएंगे। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।
?वृश्चिक
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत मिलेंगे। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। भाग्य की अनुकूलता रहेगी।
?धनु
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी। नए विचार मन में आएंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें।
?मकर
दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। वाणी में हल्के शब्दों का प्रयोग न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। मेहनत अधिक होगी। नौकरी में अधिकारी की अपेक्षा बढ़ेगी। कोई नकारात्मक सूचना मिल सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
?कुंभ
सभी तरफ से अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। काम में मन लगेगा। पुराने मित्र व रिश्तेदारों से मेल बढ़ेगा। संपर्क बनाएं। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है। नौकरी में मातहतों का साथ मिलेगा।
?मीन
सामाजिक कार्य करने के अवसर प्राप्त होंगे। मान-सम्मान मिलेगा। थोड़े प्रयास से अधिक लाभ होगा। किसी बड़े कार्य के होने की संभावना है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। आलस्य न कर भरपूर प्रयास करें।
*महर्षि पाराशर पंचांग*
*दिनाँक -: 14/10/2020,बुधवार*
द्वादशी, कृष्ण पक्ष
अधिक आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ———द्वादशी 11:50:30        तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र –पूर्वाफाल्गुनी 20:39:56
योग ————-शुक्ल 14:12:56
करण ———–तैतुल 11:50:30
करण ————–गर 22:15:06
वार ————————–बुधवार
माह —————-अधिक आश्विन
चन्द्र राशि ——-सिंह 26:01:34
चन्द्र राशि    ——————कन्या
सूर्य राशि    ——————-कन्या
रितु —————————–शरद
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2076
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————–06:19:54
सूर्यास्त —————–17:49:52
दिन काल ————-11:29:57
रात्री काल ————-12:30:36
चंद्रास्त —————-16:29:45
चंद्रोदय —————–28:21:56
लग्न —-कन्या 26°59′ , 176°59′
सूर्य नक्षत्र ——————-चित्रा
चन्द्र नक्षत्र ———–पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र पाया ——————–रजत
*???  पद, चरण  ???*
टा —-पूर्वाफाल्गुनी 09:51:03
टी —-पूर्वाफाल्गुनी 15:16:29
टू —-पूर्वाफाल्गुनी 20:39:56
टे —-उत्तर फाल्गुनी 26:01:34
*???  ग्रह गोचर  ???*
        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
========================
सूर्य=कन्या 26°52 ‘   चित्रा   ,     2   पो
चन्द्र =सिंह 17°23  ‘ पू o फा o  ‘ 2  टा
बुध = तुला    17°57 ‘  स्वाति ‘   4   ता
शुक्र= सिंह 19°55, पू oफाo ‘        1  मो
मंगल=(व)मीन 26°30’    रेवती ‘ 4   ची
गुरु=धनु  24°22 ‘   पू oषा o ,    4   ढा
शनि=मकर 01°43’ उ oषा o   ‘ 2   भो
राहू=वृषभ 29°05  ‘  मृगशिरा ,   2   वो
केतु=वृश्चिक 29 ° 05 ‘    ज्येष्ठा   , 4   यू
*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*
राहू काल 12:05 – 13:31 अशुभ
यम घंटा 07:46 – 09:12 अशुभ
गुली काल 10:39 – 12:05  अशुभ
अभिजित 11:42 -12:28 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:42 – 12:28 अशुभ
?चोघडिया, दिन
लाभ 06:20 – 07:46 शुभ
अमृत 07:46 – 09:12 शुभ
काल  09:12 – 10:39 अशुभ
शुभ 10:39 – 12:05 शुभ
रोग 12:05 – 13:31 अशुभ
उद्वेग 13:31 – 14:57 अशुभ
चर 14:57 – 16:24 शुभ
लाभ 16:24 – 17:50 शुभ
?चोघडिया, रात
उद्वेग 17:50 – 19:24 अशुभ
शुभ 19:24 – 20:58 शुभ
अमृत 20:58 – 22:31 शुभ
चर 22:31 – 24:05* शुभ
रोग 24:05* – 25:39* अशुभ
काल  25:39* – 27:13* अशुभ
लाभ 27:13* – 28:47* शुभ
उद्वेग 28:47* – 30:20* अशुभ
?होरा, दिन
बुध 06:20 – 07:17
चन्द्र 07:17 – 08:15
शनि 08:15 – 09:12
बृहस्पति 09:12 – 10:10
मंगल 10:10 – 11:07
सूर्य 11:07 – 12:05
शुक्र 12:05 – 13:02
बुध  13:02 – 13:59
चन्द्र 13:59 – 14:57
शनि 14:57 – 15:55
बृहस्पति 15:55 – 16:52
मंगल 16:52 – 17:50
?होरा, रात
सूर्य 17:50 – 18:52
शुक्र 18:52 – 19:55
बुध 19:55 – 20:58
चन्द्र 20:58 – 22:00
शनि 22:00 – 23:03
बृहस्पति 23:03 – 24:05
मंगल 24:05* – 25:08
सूर्य 25:08* – 26:10
शुक्र 26:10* – 27:13
बुध 27:13* – 28:15
चन्द्र 28:15* – 29:18
शनि 29:18* – 30:20
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*?  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 12 + 4 + 1 =  32 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*?    शिव वास एवं फल -:*
    27 + 27 + 5 = 59  ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*??    विशेष जानकारी   ??*
  * प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*???   शुभ विचार   ???*
यत्रोदकस्तत्र वसन्ति हंसा-
स्तथव शुष्कं परिवर्जयन्ति ।
नहंतुल्येन नरेण भाव्यं
पुनस्त्यजन्तः पुनराश्र यन्तः ।।
।।चा o नी o।।
हंस वहा रहते है जहा पानी होता है. पानी सूखने पर वे उस जगह को छोड़ देते है. आप किसी आदमी को ऐसा व्यवहार ना करने दे की वह आपके पास आता जाता रहे.
*???  सुभाषितानि  ???*
गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07
पुण्यो गन्धः पृथिव्यां च तेजश्चास्मि विभावसौ ।,
जीवनं सर्वभूतेषु तपश्चास्मि तपस्विषु ॥,
मैं पृथ्वी में पवित्र (शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध से इस प्रसंग में इनके कारण रूप तन्मात्राओं का ग्रहण है, इस बात को स्पष्ट करने के लिए उनके साथ पवित्र शब्द जोड़ा गया है।,) गंध और अग्नि में तेज हूँ तथा सम्पूर्ण भूतों में उनका जीवन हूँ और तपस्वियों में तप हूँ॥,9॥,
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More