बीडीओ बोले मामला संज्ञान में नहीं शिकायत मिली तो जांच करायी जाएगी
महोबा 12 सितम्बर। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी कोविड-19 में भी भ्रष्टाचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए इन्होंने इस मौके को अपनी आमदनी का अवसर माना और शासन द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों को दरकिनार कर अपनी कमाई में जुटे रहे ।
ऐसा ही मामला विकासखंड पनवाड़ी क्षेत्र से आता है जहां पर थर्मल स्कैनर व पल्स ऑक्सीमीटर की प्रत्येक पंचायत में सप्लाई के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे ।
उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जुलाई में एक पत्र जारी किया था जिसमें उन्होंने पंचायतों को यह खरीद करने के निर्देश जारी किए थे जिसमें इस सामग्री को 2800 में खरीदना था जिसमें थर्मल स्कैनर 1600 व पल्स ऑक्सीमीटर 1200 रुपए रेट निर्धारित किए गए थे।
लेकिन इस पत्र को भी नजरअंदाज कर विकासखंड पनवाड़ी मैं खंड विकास अधिकारी और एक निजी फर्म के मालिक ने सांठगांठ बिठाकर विकासखंड पनवाड़ी की 64 पंचायतों में प्रति पंचायत 2 सेट की सप्लाई बिना टेंडर के करवा दी सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि निजी फर्म को यह सारी सप्लाई दी गई थी और ग्राम पंचायत अधिकारियों को 2 सेट प्रति पंचायत उपलब्ध कराए गए थे विकासखंड से कुछ ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी दबी जुबान से कह रहे हैं कि अब हमारे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है भुगतान करने का और रुपये 9998 का विल दिया है ।
इस प्रकार से कई प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है इस संबंध में उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए सूत्रों से मिली जानकारी में यह सामग्री चाइनीस सप्लाई की गई है जो नहीं होना चाहिए था लेकिन धन कमाने के चक्कर में यह भी ध्यान नहीं रखा गया है जो सामग्री वितरित की गई है वह गुणवत्ता विहीन है वह सही प्रकार से कार्य भी नहीं कर रही हैं लेकिन इसके बावजूद भी भुगतान कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और कुछ पंचायतों ने भुगतान भी कर दिया है।
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी पनवाड़ी से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला नहीं है यह सारी सामग्री ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने स्तर से खरीदना थी यदि ऐसी कोई शिकायत सामने आती है तो उसकी जांच करवाई जाएगी।
आरोप है कि, विकासखंड पनवाड़ी की 64 पंचायतों में 128 सेट बिना टेंडर के खरीदे गए तथा 2800 की जगह 9998 रुपये तक भुगतान किया जा रहा है
गुणवत्ता विहीन सामग्री प्रत्येक पंचायत को उपलब्ध कराई गई है तथा एक ही निजी फर्म को यह सप्लाई दी गई है जिसमें निजी फर्म द्वारा तय रेट से भी दुगने रेटों पर विल दिए जा रहे हैं और भुगतान कराने का दबाव बनाया जा रहा है
एक फर्म के द्वारा जो बिल ग्राम पंचायतों को दिए गए हैं उसमें थर्मल स्कैनर प्रति पीस रु. 5280.38 व पल्स ऑक्सीमीटर का रेट रु. 3518.38 के अलावा सीजीएसटी का चार्ज रु. 1199.76 लगाया गया है. इस तरह प्रति सेट 9998 का बिल दिया गया है, इस बिल में न तो प्रोडक्ट की कंपनी का नाम है न एमआरपी और न ही कोई वारंटी का जिक्र किया गया है चौंकाने वाली बात यह है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी को चिकित्सीय उपकरणों की सप्लाई का दायित्व क्यों दिया गया ?
राष्ट्रीय जजमेंट के लिए महोबा से काजी आमिल की रिपोर्ट