स्वच्छ भारत मिशन में एटा फिर हुआ सबसे पीछे

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एटा। केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बृहस्पतिवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें एटा नगर पालिका 202वें स्थान पर आकर स्वच्छता में फिर फिसड्डी साबित हुई है। इसके बाद भी पालिका के अधिकारी और कर्मचारी नहीं चेत रहे हैं। पालिका के सामने ही कूड़े का ढेर लगा हुआ है। वहीं, शहर में हर ओर गंदगी का आलम है। ऐसे में रैंकिंग में सुधार कर पाना संभव नहीं दिख रहा है।
नगर पालिका के ठीक सामने सैनिक पड़ाव स्थित जीटी रोड के किनारे ही कचरे के ढेर लगे रहते हैं। कूड़े के दुर्गंध के कारण यहां से लोगों को गुजरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं पालिका के अंदर ही बनाया गया सामुदायिक शौचालय हमेशा बंद पड़ा रहता है। इसे लोगों के लिए नहीं खोला गया है।
इन कारणों से नहीं मिली बेहतर रैंकिंग
नहीं मिली उचित साफ-सफाई
स्वच्छता सर्वेक्षण मिशन के डीपीएम सुरजीत सिंह ने बताया कि सर्वे के दौरान टीम शहर में फील्ड का निरीक्षण करती हैं, जिसमें सुबह, शाम और रात तीनों समय की शहर में साफ-सफाई देखती हैं, जो कि शहर में नहीं मिली।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का न होना
सर्वे के दौरान नगर पालिका द्वारा सभी 25 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन नहीं किया जा रहा था। लोग कूड़े को सड़क पर इधर-उधर फेंक रहे थे। साथ ही कूड़ा कलेक्शन को अलग-अलग गीले और सूखे कूड़े को एकत्र नहीं कर रहे थे।
पॉलीथिन पर प्रतिबंध का नहीं दिखा असर
जनवरी में सर्वे के दौरान स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम को शहर में पॉलीथिन पर प्रतिबंध का असर नहीं दिखाई दे रहा था। टीम के अधिकारी सुमित कुमार ने बताया कि शहर में लोग बाजारों से सामान पॉलीथिन में ही खरीदकर ले जा रहे थे। लोग धड़ल्ले से पॉलीथिन का प्रयोग कर रहे थे।
सुरक्षा उपकरण के साथ नहीं मिले सफाईकर्मी
सर्वे के दौरान नगर पालिका के सफाईकर्मी सुरक्षा उपकरणों के साथ काम नहीं कर रहे थे। सफाईकर्मियों के पास ग्लब्स, जूते व मास्क भी नहीं थे।
नालियां खुली मिलीं
नगर पालिका परिषद के सभी वार्डों में नालियां खुली हुईं थी। जिसकी वजह से कूड़ा करकट और पॉलीथिन उसमें फंसे नजर आए। कई जगहों पर नालियां चोक मिलीं।
सिटीजन फीडबैक में भी पिछड़ी
स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम ने नगर पालिका द्वारा की गई साफ-सफाई का सिटीजन फीडबैक लिया, जिसमें पालिका को बहुत कम अंक मिले।
6 हजार अंक की थी परीक्षा
स्वच्छ सर्वेक्षण में पालिका को कुल 6 हजार में से अंक मिलने थे, जिसमें पालिका को सिर्फ 2420.24 अंक मिले। इसके साथ ही ओडीएफ, ओडीएफ प्लस, ओडीएफ प्लस प्लस, वाटर प्लस, गार्बेज फ्री सिटी और डॉक्यूमेंट के अंक भी जोड़े गए।
नगर पालिका में बना सामुदायिक शौचालय का अभी भुगतान रूका हुआ है, जिसकी वजह से अभी खोला नहीं गया है। कूड़े के लगे ढेर को कर्मचारियों से कहकर हटवा दिया जाएगा।
-डॉ. दीप वार्ष्णेय, ईओ, नगर पालिका
RJ दीपक वर्मा एटा संवाददाता

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