दलित महिला का अंतिम संस्कार रोकने और शव का अपमान होने पर महिला आयोग और अनुसूचित जाति आयोग से हस्तक्षेप की मांग

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आगरा। दबंग सवर्णां द्वारा दलित महिला के शव का अंतिम संस्कार न किए जाने और शव का अपमान होने पर मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने राष्ट्रीय, राज्य महिला आयोग तथा अनुसूचित जाति आयोग से हस्तक्षेप कर कार्यवाही की मांग की है। वहीं स्थानीय स्तर पर आईजी जोन तथा डीएम से भी कार्यवाही की मांग की है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय तथा राज्य महिला आयोग को भेजे पत्र में बताया कि आजादी के सात दशक बाद आज भी आज समाज से ऊपर जातिवाद हावी है। लोगों में जातिवाद की असमानताएं देखने को मिलती हैं। तहसील किरावली गांव रायभा में भी यही हुआ। मृत्यु के बाद महिला के शव का सवर्णों ने दाह संस्कार नहीं होने दिया।
चिता से शव निकलवाकर दूसरी जगह अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान महिला के शव की दुगर्ति हुई। यह बहुत ही शर्मनाक और दुखद घटना है। विवाद के बाद थाना अछनेरा पुलिस मौके पर पहुंची भी पहुंची थी लेकिन इस मामले में कोई मुकद्मा दर्ज नहीं किया गया। पीड़ित दलित समुदाय भयभीत है। यह महिला अधिकारों और मानवाधिकारों का हनन और खुला उल्लंघन है। जातिवाद और भेदभाव को बढ़ावा देने वाली घटना है। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध मुकद्मा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाए तथा पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। जिससे इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।
राष्ट्रीय जजमेंट के लिए आगरा से इजहार अहमद की रिपोर्ट

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