बाजारों में चाइनीज राखियों की बजाय स्वदेशी राखियों की माँग ज्यादा

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उन्नाव। इस बार चाइनीज वस्तुओं पर प्रतिबंध के चलते उन्नाव के बाजारों में चाइनीज राखियां नजर नहीं आ रहे हैं।
इसलिए इस बार बहनों ने भाइयों की कलाई पर स्वदेशी राखी बांधने का निर्णय लिया है। राखी त्यौहार में अभी 7 दिन बाकी हैं त्यौहार 3 अगस्त को मनाया जाएगा। लेकिन उन्नाव का सदर बाजार अभी से राखियों की दुकानों से सज गया है ।और बहनों ने राखी के त्यौहार के लिए भाइयों के लिए राखी खरीदना शुरू कर दिया है।
इस बार दुकानों पर ज्यादातर स्वदेशी राखियां दिखाई पड़ रही हैं ।बाजार में व्यापारियों ने बताया कि स्वदेशी राखियों में भी विभिन्न प्रकार की डिजाइन वाली राखियां उपलब्ध हैं जो ₹2 से लेकर डेढ़ सौ ₹200 तक उपलब्ध है इस बार स्वदेशी राखी को लेकर ग्राहकों का बहुत अच्छा रुझान है।
पहली बार फोटो युक्त व मेटल से बनी हुई राखियां बहनों की पहली पसंद है । राखी व्यापारी राकेश कुमार ने बताया कि इस बार फोटोयुक्त और नाम वाली राखियां बहनों को बहुत भा रही हैं। इसके अलावा मेटल की नाम वाली राखियां बहनों के आर्डर पर बनाई जा रही हैं।
साथ ही राखी की पूजन की थाली की मांग भी खूब है। व्यापारी विनय कुमार ने बताया कि इस बार लोगों में स्वदेशी के प्रति रुझान को देखते हुए स्वदेशी माल ही खरीदा है। और उसे ही मार्केट में बेच रहे हैं। और सभी बहनों से निवेदन है कि वह स्वदेशी राखियों का इस्तेमाल करें।
घनश्याम द्विवेदी
राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़
संवाददाता (उन्नाव)

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