पाकिस्तान में फंसे 40 भारतीय वाघा बॉर्डर के रास्ते घर लौटे

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कोविड-19 की वजह से वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद पाकिस्तान में फंसे प्रदेश के 46 नागरिकों को सरकार बाघा बॉर्डर के रास्ते वापस लाई है। इनमें बरेली जोन के बिजनौर जनपद की दो महिलाएं भी शामिल हैं जो लाहौर में एक शादी समारोह में शामिल होने गई थीं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के आदेश पर इन सभी को उनके घरों तक पहुंचाया गया है।
कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लागू हुआ तो देश के 748 नागरिक पाकिस्तान में फंस गए। ये सभी अपनी रिश्तेदारियों में पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में गए थे।
वीजा खत्म होने के बाद पशोपेश में पड़े लोगों ने भारतीय विदेश मंत्रालय को ट्वीट और मेल के जरिये भी अपने पाक में फंसने और वीजा अवधि खत्म होने की जानकारी दी। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से भी लोगों ने मदद मांगी। इसके बाद इनके वीजा 15-15 दिन करके बढ़ाए गए।
28 जून को लाहौर से घर लौटी बिजनौर के मंडावर की वसीम फातिमा (60) का कहना है कि उनकी बेटी आसमा परवीन की शादी लाहौर में जलील हाशमी से हु़ई है। बेटी की बेटी का निकाह था लिहाजा वह अपनी ननद अंजुमन के साथ आठ मार्च को लाहौर गई थीं। 22 मार्च को शादी थी लेकिन तभी लॉकडाउन लागू हो गया।
वसीम फातिमा के साथ बाघा के रास्ते पाकिस्तान से लौटने वालों में सहारनपुर के 13, वाराणसी व अलीगढ़ के 6-6, गौतमबुद्धनगर के पांच, प्रयागराज व कानपुर नगर के चार-चार, लखनऊ, शामली व बिजनौर के 2-2, मुजफ्फरनगर व उन्नाव के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें 26 पुरुष और 20 महिलाएं हैं।
R J दीपक वर्मा✍️

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