उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर बढ़ा एवं जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की कमी

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उत्तराखंड की नदियां उफान पर, जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन है अलर्ट
भारी बरसात से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई तटबंध हुए क्षतिग्रस्त हल्द्वानी। उत्तराखंड मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है बीते 24 घंटे से पर्वतीय​ क्षेत्र में हो रही लगातार भारी बरसात के कारण नदी एवं नाले उफान पर हैं। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के साथ साथ मैदानी इलाकों में भी आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। इन क्षेत्रों में पड़ने वाले अधिकांश नदी, नहर और नाले उफान पर हैं। पहाड़ों में लगातार होने वाली बरसात की वजह से गौला, कोसी तथा नंधौर नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
बुधवार को नदी में जल स्तर बढ़ जाने से गौला बैराज से 10000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है तटवर्ती इलाकों में अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग पर शेर नाला सहित अन्य रपटे उफान पर हैं। जिसे देखते हुए पुलिस द्वारा बाढ़ चौकियों सहित नदी नहरों के किनारे बसे लोगों को चेतावनी जारी करते हुए नदी के आसपास ना जाने की अपील की गई है। प्रशासन भी लगातार हालात पर निगाह रखे हुए है। बताते चलें कि पिछले 24 घंटे में नैनीताल जिले में 142 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड की गई है इसके साथ ही जिले की गौला, कोसी एवं नंधौर नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
वहीं उप जिलाधिकारी विवेक राय ने क्षेत्र की सभी नदियों के जलस्तर का निरीक्षण करते हुए नदियों के किनारे रह रहे लोगों को सतर्क रहने की अपील की है साथ ही बरसात के मौसम को देखते हुए जीर्ण-शीर्ण तथा खतरे के जद में रह रहे लोगों को प्रशासन से संपर्क करने की अपील की है ताकि उनके रहने और खाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाये।

 

जन औषधि केंद्रों में दवाओं की कमी, हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल के सरकारी जन औषधि केंद्रों से दवाओं के गायब होने के मामले में केन्द्र और राज्य सरकार समेत सभी जिम्मेदार मंत्रालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि हल्द्वानी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर न्यायालय को बताया कि नैनीताल जिले के सरकारी अस्पतालों में सभी जन औषधि केंद्रों में दवाओं का कमी है। उन्होंने बताया कि आम लोगों को सस्ती और असरदार दवाएं देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को राज्य के अधिकतर अस्पतालों में लांच किया गया था।

Increased water level of rivers in Uttarakhand and shortage of medicines at Jan Aushadhi Centers

कुछ समय तो यह केंद्र ठीकठाक चले लेकिन अब नैनीताल जिले के केंद्रों में दवाऐं नहीं हैं।। कहा गया है कि 90 प्रतिशत कम दामों में उपलब्ध दवाओं वाले इन केंद्रों में पिछले आठ महीनों से दवाएं उपलब्ध ही नहीं हैं। यहां तक की इन केन्द्रों में आम बुखार, खांसी, जुखाम आदि तक कि दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। जबकि पूर्व में हुई जांच में रेडक्रॉस का लाइसेंस केंसिल करने की संस्तुति की गई थी। खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य संबंधी मंत्रालयों के साथ रेडक्रॉस को नोटिस जारी किया है और उनसे तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।
ऐजाज हुसैन ब्यूरो उत्तराखंड

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