आत्मनिर्भर बनाने के लिये बढ़े कदम,महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

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चरखारी 8 जुलाई। महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिये कदम आगे बढ़ने लगे है पशु पालन से जोड़कर इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है इसके लिये स्वयं सहायता से समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर पशु पालन से सम्बन्धित जानकारियां दी जा रही है । पशु पालन विभाग के चिकित्साधिकारी डॉ. एमडी राजपूत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिये पशु पालन अच्छा क्षेत्र है लेकिन इसके लिये अच्छी नस्लों के पशु होना चाहिये।
पशुपालन विभाग विकास खण्ड सभागार में स्वयं सहायता समूह को पशु पालन और बागवानी का दे रहा प्रशिक्षिण
चरखारी विकास खण्ड के सभागार में स्वयं सहायता से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को पशु पालन से जोड़ने के लिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है उन्हें दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है विकास खण्ड में करीब एक पखवारे से ग्रामीण अजीविका मिशन के जरिये गठित किये गये स्वयं सहायता समूह को पशु पालन में गाय, भैंस, बकरी की अच्छी नस्ले व दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की जानकारियों के साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है। अजीविका मिशन के कर्मचारी व प्रशिक्षिक अरूण, बीएमएम पकंज सक्सेना, सुभम, निधि व राजकुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खेती के साथ पशु पालन और बागवानी करके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकते है।
बेहतर होगी महिलाओं की आर्थिक स्थिति
चरखारी। संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी दिनेश चन्द्र ने बताया कि लॉकडाउन के समय में समूह से जुड़ी रही महिलाओं को काम के लिये दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, और उसी समय मैने निश्चिय किया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को पशु पालन क्षेत्र से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जायेगा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया जायेगा। अनलॉक शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पशु पालन व बागवानी से सम्बन्धित प्रशिक्षिण दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरान्त स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पशु पालन और बागवानी से अपना और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर कर सकेंगी।
रिपोर्ट काजी आमिल

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