चौबेपुर एनकाउंटर : पिता का पुलिस पर आरोप जबकि रिकॉर्डिंग लेकर फरार विकास

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पिता ने बताया बेटे को निर्दोष –
उत्तर प्रदेश ,कानपुर| विकास निर्दोष है। पुलिस उसको अपराधी बना रही है। कोई बात नहीं। कोर्ट में फैसला होगा। ये कहना है विकास के पिता राम कुमार दुबे का। उनकी उम्र करीब 85 साल है, लेकिन जब उन्होंने विकास के पक्ष में मोर्चा खोला तो हर कोई दंग रह गया।इतनी वीभत्स घटना के बाद भी जिस तरह से उन्होंने विकास को बेगुनाह बताया तो सबकी आंखें खुली रह गईं। घटना के बाद जब पुलिस विकास के घर में घुसी थी तो एक हॉल में रामकुमार बेड पर लेटे हुए थे। तब राम कुमार ने न बोल पाने और उठने में असमर्थता जताई थी।पुलिस ने भी उनकी बात पर यकीन कर लिया था। मगर जब शनिवार को मकान पर जेसीबी चली तो रामकुमार ने बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस विकास को फंसा रही है।गुनहगार कौन है ये कोर्ट तय करेगा, पुलिस नहीं। वह उल्टा पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि दबिश देकर बवाल मचाया। जब पुलिसकर्मियों ने कहा कि आठ अफसर शहीद हो गए तो इस पर रामकुमार का कहना था कि विकास था ही नहीं।वहीं बाद में बोले कि घर पर था, लेकिन घटना में वह नहीं था। रामकुमार के बयानों को सुनकर पुलिस अफसरों का कहना था कि इसी वजह से विकास शुरू से ही बेअंदाज रहा। वारदातों को अंजाम दिया।
सीसीटीवी में कैद है खूनी खेल, विकास डीवीआर लेकर हुआ फरार
चौबेपुर एनकाउंटर का पूरा खूनी खेल सीसीटीवी में कैद है। ये कैमरे विकास के मकान के बाहर दीवारों पर लगे थे। पर शातिर विकास दुबे डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) लेकर फरार हुआ है जिससे नरसंहार के सुबूत न रहें। इससे एक बार फिर साबित हो गया कि विकास ने पूरी तैयारी और साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया।विकास ने अपने घर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया था। उसके एक करीबी ने बताया कि इन कैमरों को उसने मोबाइल एप से कनेक्ट कर रखा था। वो कहीं भी रहकर घर और उसके आसपास की गतिविधियों पर नजर रखता था। मुख्य गेट पर दो सीसीटीवी लगे हैं।दाएं और बाएं की तरफ दीवार पर भी एक-एक कैमरा लगा है। इन सभी कैमरों की जद में ही पुलिसकर्मियों को मारा गया। विकास दुबे और उसके साथ के बदमाशों ने जो बर्बरता पुलिसकर्मियों के साथी की उसका एक-एक पल उसमें कैद है।पुलिस को उम्मीद थी कि ये अहम साक्ष्य मिल जाएंगे जिससे काफी मदद मिलेगी।
मगर ऐसा नहीं हुआ। जब पुलिस ने डीवीआर खोजा तो गायब था। तब पता चला कि विकास वारदात को अंजाम देने के बाद डीवीआर भी लेकर चला गया।कभी बंद नहीं होते थे कैमरे  पुलिस के मुताबिक खुद की सुरक्षा के कारण विकास इन सीसीटीवी को कभी भी बंद नहीं करता था। काफी समय पहले ऐसा भी हुआ कि कैमरों के जरिये ही उसे पता चला कि बाहर पुलिस है तो वो मकान के पिछले हिस्से से फरार हो गया। वहीं से सूखी नदी किनारे से कानपुर देहात की सीमा में घुस गया। अगर पुलिस को डीवीआर मिल जाती तो जांच में बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता। सुबूत भी मिल जाते। कैमरों पर गोली मारने का प्रयास भी किया गया था जोकि दीवारों पर जा लगी थीं। इस कारण डीवीआर गायब की।बोलेरो से से फरार होने की आशंका पुलिस को घटनास्थल से असलहा-बारूद बरामद नहीं हुआ। मगर जिस तरह से हमला हुआ था, उससे पुलिस अफसरों ने अंदाजा लगाया था कि असलहों का जखीरा होगा। चूंकि घटना के बाद बदमाश फरार हुए थे, ऐसे में असलहा बटोर के ले जाना और वो भी पैदल, आसान नहीं था। मगर इसके विपरीत हुआ। वहां पुलिस को कुछ भी नहीं मिला। इसलिए अब आशंका है कि सभी बदमाश गाड़ियों से फरार हुए हैं। उसी में असलहों के जखीरे के साथ डीवीआर भी ले गए। सूत्रों के मुताबिक बोलेरो से बदमाश भागे हैं।

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