न्यू दिल्ली :लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास कई सेक्टरों में चीन ने करीब 5 हजार जवान तैनात कर दिये हैं। पड़ोसी के इस कदम के बाद भारतीय सेना ने भी इन इलाकों में अपने जवान बढ़ाने शुरू कर दिये हैं। इसी महीने दोनों सेनाओं के बीच तीन बार अलग-अलग जगहों पर टकराव हो चुका है।
पिछले हफ्ते दोनों देशों की सेनाओं के कमांडर पांच दौर की बातचीत कर मुद्दा सुलझाने की कोशिश भी कर चुके हैं। जब मामला नहीं सुलझा तो खुद सेना प्रमुख लद्दाख गये और सैनिकों का हौसला बढ़ाया।
न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि एलएसी के पास चीन ने अपने सैनिकों को दौलत बेग ओल्डी और इससे जुड़े इलाकों के पास तैनात किया है, जहां पर भारतीय सेना की 81 और 114 ब्रिगेड तैनात है। चीन की सेना एलएसी के पास स्थित पेनगॉन्ग लेक के पास अपने जवानों को ले आई है।
इसके साथ ही वह यहां पर भारी वाहन भी लाई है। गलवान नाला एरिया में भारतीय पोस्ट केएम 120 से करीब 15 किमी दूर चीनी सैनिकों ने अपने टेंट लगा लिए हैं। चीन गलवान में बंकर बनाने के लिए भारी उपकरण भी ला रहा है।
भारतीय सीमा इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर ऐतराज भी जाहिर कर चुका है, लेकिन चीनी सेना लगातार काम में जुटी है। इसी इलाके में भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग पोस्ट 14 के पास ब्रिज बना रही है। इसका चीन की सेना ने विरोध किया था।
पोस्ट केएम 120 पर किसी भी वक्त सेना और आईटीबीपी के 250 जवान रहते हैं। लेकिन, भारत अब यहां ज्यादा जवान और उपकरण भेज रहा है। ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में भारत दौलतबेग ओल्डी में एयरफील्ड का इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख में जवान भेजने में कर रहा है।
दौलत बेग ओल्डी में भारतीय सड़क के पास एयरफील्ड बनाने के पुराने प्रपोजल पर भी फिर से विचार किया जा रहा है। यह इलाका इस लिहाज से अहम है कि यहां पर चीन की सेना भारत के एरियल मूवमेंट पर नजर नहीं रख सकती है।
भारतीय सेना ने रविवार सुबह एक रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों को कुछ दिन बंधक बनाने के बाद छोड़ा। सेना ने कहा- सीमा पर किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया गया। जब मीडिया इस तरह की अपुष्ट चीजों को पब्लिश करता है तो यह केवल राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाता है।
A P Chohan RJ