राजनीति : लॉकडाउन में दिल्ली CM कितनी बार जनता के लिए निकले- तिवारी

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नई दिल्ली. प्रदेश भाजपा ने दिल्ली सरकार की ओर से लॉकडाउन 4 पर जारी गाइडलाइन को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के कार्यकलापों पर मोर्चा खोल दिया है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश विधुड़ी ने लॉकडाउन 4 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केजरीवाल दिल्ली के लोगों को जवाब दे कि 54 दिनों के लॉक डाउन के दौरान वह घर से कितनी बार निकले। एक भी जगह निरीक्षण करने गए, ग्राउंड पर नदारद क्यों रहे।

भाजपा नेताओं ने कहा कि जिन दिल्ली के लोगों ने वोट देकर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हीं लोगों का हालचाल जानने के लिए केजरीवाल एक बार भी उनके बीच में भी नहीं गए।
दिल्ली के लोगों ने वोट देकर आपको प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया है बल्कि काम करने के लिए बनाया है। वहीं दिल्ली में राशन को लेकर मनोज तिवारी ने कहा है कि राशन ठीक से क्यों नहीं बांटा। दिल्ली में रह रहे हिंदुस्तानियों के लिए राशन की कोई व्यवस्था नहीं हुई। ऐसे में वह अपने घर वापस जा रहे हैं। लेकिन आप के द्वारा रोहिंग्या और बंगलादेशियों की ख़ातिरदारी ठीक से हुई है इसलिए कोई वापस नहीं निकला।

दिल्ली के अस्पतालों को लेकर मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि लोगों को अस्पतालों में बेड्स नहीं मिल रहे हैं। इसके साथ ही तिवारी ने दिल्ली सरकार की ओर से चलाए जा रहे सामुदायिक किचन को लेकर भी सवाल खड़े किए। तिवारी से सीएम केजरीवाल से सवाल करते हुए पूछा कि 500 किचन का आप पता नहीं बता पाए। हमारे कार्यकर्ता, विधायक, सांसद और जनता ने सभी ने ढूंढा पर सामुदायिक किचन नहीं मिले।

सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार से यह मांग की थी कि इस महामारी में गरीबों व जरूरतमंद लोगों को काम काज पर आने जाने के लिए बस यात्रा फ्री होनी चाहिए। तिवारी ने सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा दिल्ली में बस यात्रा फ्री करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार रिक्शा या ऑटो में सिर्फ एक सवारी ही सफर कर सकता है लेकिन यह चिंता की बात है कि गरीब उसका किराया कैसे दे पाएगा।
दिल्ली सरकार ने बिना योजना के गरीब विरोधी नीति लागू कर दिया है। दिल्ली सरकार को मेरा सुझाव है कि बस में 20 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए बस सेवा को फ्री किया जाए क्योंकि वह लोग काम पर ही जा रहे हैं और उन्हीं कामों से दिल्ली सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।

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