झांसी : परिजनों के आंखों के सामने छटपटाते और चीखते रहे जिंदा जले मासूम

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Rashtriya Judgement: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसे में दो मासूमों की जलकर मौत हो गई। दोनों भाई-बहन अपनी एक बड़ी बहन के साथ मकान के पास बने मचान पर खेल रहे थे। खेल-खेल में माचिस जल गई और घास-फूंस से बने मचान में आग लग गई।
चार साल की बच्ची यहां से कूदकर मां-बाप को बुलाने के लिए दौड़ी भी लेकिन तब तक दोनों जल चुके थे। ककरबई क्षेत्र का सिया गांव आंखों के सामने कलेजे के टुकड़ों को आग की लपटों में जलते, छटपटाते, चीखते देखकर दहल उठा। बिलखते बच्चों को बचाने के सभी प्रयास बेकार साबित हुए।
उन्हें जैसे-तैसे निकाला गया। उनकी हालत देखकर मां व कुछ अन्य महिलाएं गश खाकर गिर गईं। पिता भी बदहवास था। बच्चों की मौत की पुष्टि होते ही पूरा गांव दहल गया। किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। ग्राम सिया में आग से जिंदा जलकर हुई दो बच्चों की मौत के बाद मातमी सन्नाटा है।
इस हृदय विदारक घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। करनपाल बताते हैं कि वह घर में खाना खा रहे थे, इसी दौरान आग आग चिल्लाने की आवाज आई। आंगन में निकल कर देखा तो दोनों बच्चे आग से घिरे हुए बचाओ बचाओ चिल्ला रहे थे।
मकान के पास बना मचान व उसके नीचे बने टपरा में जानवर भी बांध दिए जाते हैं, पर दोपहर होने के कारण जानवर जंगल में गए हुए थे। एक साथ दो बच्चों की मौत से दादा देवीदीन और दादी कमली का बुरा हाल है, पूरे गांव के लोग परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।
मौत से थोड़ी देर पहले मांगे थे बिस्किट
इन बच्चों के पिता करनपाल का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने रोते हुए बताया कि वह सुबह नौ बजे जब गुरसराय काम से जा रहे थे तो दोनों बच्चे साथ चलने की जिद करने लगे। किसी तरह उन्हें समझाया तो दोनों ने पिता से शर्त रख दी कि उन्हें साथ नहीं ले जा रहे हैं तो लौटते समय बिस्किट लेते आना।
एक घंटे बाद करन घर लौटे तो बच्चे अपनी मां पूनम के पास बातचीत कर रहे थे। करनपाल खाना खाने बैठ गए और इसी दौरान बच्चे सामने बने मचान पर खेलने चले गए। बिस्किट के पैकेट थैले में ही रखे थे कि बच्चे खेलकर आएंगे तो उन्हें दे दिए जाएंगे।
पर, किसे मालूम था कि अपने पिता से जो आखिरी फरमाइश सिम्मी (3) और विशाल (2) ने की थी वह उसे पूरा किए बिना ही इस दुनिया से विदा ले लेंगे।
खेलने की बात कहकर गए और हमेशा के लिए चले गए
बच्चों की मां पूनम ने रुंधे हुए गले से बताया कि घटना के आधा घंटे पहले ही तीनों बच्चे उनके पास आकर कह रहे थे कि हमलोग दोपहर में मचान के नीचे बने टपरा में लगी चारपाई पर ही खेलने जा रहे हैं, लेकिन कुछ देर बाद ही टपरा में आग लग गई देखते ही देखते जिगर के टुकड़े बुरी तरह से झुलस गए। बड़ी बेटी संजना ने किसी प्रकार कूदकर अपनी जान बचाई।

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