लापरवाही : उ०प्र० के आंगनबाड़ी केंद्रो में 84 लाख से अधिक प्री स्कूल किट का नहीं हुआ वितरण

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Uttar Pradesh, Lucknow .बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों की

लापरवाही के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले 84 लाख से

अधिक बच्चों को दो साल से प्री स्कूल किट का वितरण नहीं हो पा रहा है।

केंद्र सरकार इस मद में हर साल प्रदेश को रकम उपलब्ध कराती है,
लेकिन किट नहीं खरीदे जाने के कारण यह रकम केंद्र को लौटा दी जाती है।
केंद्र इस पर कई बार आपत्ति भी जता चुका है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले तीन से छह साल उम्र तक के बच्चों को
प्ले स्कूल के तौर पर पढ़ाई के साथ
खेल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘प्री स्कूल किट’ दिए जाने की
योजना करीब 20 साल पहले शुरू की गई थी।
इसके तहत प्री स्कूल किट खरीदने के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र
और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को देनी है।
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से धनराशि उपलब्ध कराने के बाद भी
पिछले दो साल से विभाग प्री स्कूल किट नहीं खरीद पा रहा है।
शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि
पिछले दो साल से प्री स्कूल किट खरीदने के लिए विभाग
आंगनबाड़ी केंद्रों को न तो धनराशि उपलब्ध करा रहा है
और न खुद के स्तर पर ही पहल कर रहा है।
इस वजह से बच्चों को खेल व शिक्षा सामग्री नहीं मिल पा रही है।
इस साल भी अब तक प्री स्कूल किट का वितरण नहीं हो पाया है।
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योजना के तहत व्यवस्था की गई थी कि
हर साल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पढ़ने-लिखने और खेल की सामग्री खरीदी जाएगी।
इससे आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की
व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित की जा सकेगी।
इस व्यवस्था के लिए हर आंगनबाड़ी केंद्र को हर साल पांच हजार रुपये उपलब्ध कराया जाना था,
लेकिन केंद्रों को राशि उपलब्ध ही नहीं कराई गई।
लिहाजा वित्तीय वर्ष के अंत में धनराशि सरेंडर करनी पड़ रही है।
इसका खुलासा तब हुआ जब पिछले दिनों विभागीय स्तर पर संचालित
योजनाओं के लिए लक्ष्य तय किया जा रहा था।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस योजना की उपलब्धियां दो अक्तूबर को आहूत
विधानसभा के विशेष सत्र में रखी जानी हैं,
जिसके लिए आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं।
धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद प्री स्कूल किट न खरीदे जाने से संबंधित
आंकड़े तैयार करने में अब अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि 2017-18 में केंद्र सरकार ने 1 लाख 87 हजार
997 आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री स्कूल किट की खरीद के लिए 68.07 करोड़ रुपये
और 2018-19 में 1 लाख 88 हजार 259 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 94.12 करोड़ रुपये दिए थे,
लेकिन पूरी रकम वापस कर दी गई।

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