हाइकोर्ट जस्टिस ने 36 मामलों में आरोपियों को दी सशर्त जमानत, 100-100 पौधे रोपने के दिये आदेश

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ग्वालियर। कभी शहीदों की विधवाओं के लिए भारत के वीर एप में राशि जमा कराने की शर्त तो कभी बाढ़ राहत कोष में योगदान देने की शर्त।

हाइकोर्ट जस्टिस ने

ऐसी तमाम शर्ते लगाकर मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बीते कुछ सालों में ऐसे फैसले सुनाए हैं, जिसमें न केवल याचिकाकर्ता को राहत मिलीबल्कि समाज की बेहतरी के लिए कुछ करने का अवसर भी मिला।
इस बार मानसून को ध्यान में रखते हुए जस्टिस शील नागू क्रिमिनल मामलों में जिन आरोपियों को सशर्त जमानत का लाभ दे रहे हैं, उन्हें 100-100 पौधे रोपने के लिए भी कह रहे हैं।
21 से लेकर 25 जून तक सिर्फ तीन कामकाजी दिवस में उन्होंने कुल 36 मामलों में आरोपियों को 100-100 पौधे रोपने का आदेश दिया।हाईकोर्ट कॉरिडोर में उनके जजमेंट को वकील और पक्षकार ग्रीन जजमेंट की संज्ञा भी दे रहे हैं।
आने वाले समय में हाईकोर्ट के आदेश का असर पूरे ग्वालियर चंबल अंचल में देखने को मिलेगा। क्योंकि, जिन आरोपियों को पौधे लगाने के लिए कहा है, उनमें से कुछ ग्वालियर से है तो
कुछ गुना, भिंड, मुरैना,दतिया, अशोकनगर, शिवपुरी जिले से भी है। ऐसे में इन सभी जिलों में कोर्ट के आदेश से न केवल पौधारोपण होगा बल्कि एक साल तक उनकी अच्छे से देखरेख भी होगी।
जस्टिस नागू ने आदेश में ये भी स्पष्ट किया है कि जो पौधे लगाए जाएं वे न केवल छायादार हो बल्कि फलदार भी हो। उनकी सुरक्षा के लिए आरोपी को ट्री-गार्ड से लेकर नियमित पानी देने की भी व्यवस्था करनी होगी।
ये सारी कवायद तीस दिन में पूरी करना होगी और रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में देनी होगी। संबंधित जिले का वरिष्ठ सरकारी वकील निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा और रिपोर्ट तैयार कर ट्रायल कोर्ट में देगा। यदि शर्त का पालन नहीं होगा तो जमानत कैंसिल कर दी जाएगी।
आदेश की एक अनूठी बात ये भी है कि आरोपियों को उस जगह पौधे लगाने के लिए कहा है, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। दरअसल, 36 में से अधिकांश मामले आर्म्स व एक्साइज एक्ट के हैं। ऐसे में कोर्ट के इस आदेश से सामाजिक संदेश भी जाएगा।

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