ममता बनर्जी ने गठबंधन के तहत, कांग्रेस-सीपीएम को साथ आने का किया आह्वान

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को मिलकर काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और माकपा से भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की है। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश तथा राज्य के हित के लिए लिए भाजपा को उखाड़ फेंकना ही होगा।
ममता के इस बयान के मायने बड़े हैं. ये बात गौर करने लायक है कि ममता बनर्जी खुद कभी कांग्रेस का हिस्सा रही थीं और नब्बे के दशक में उन्होंने पार्टी को ये कहकर छोड़ा कि
वो तत्कालीन सत्तारूढ़ माकपा का समर्थन कर रही है। ममता ने खुलेआम एक रैली करके कांग्रेस को छोड़ा था. उससे ठीक पहले वो कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री थीं।
ममता बनर्जी की बंगाल में राजनीति के निशाने पर खासतौर से कांग्रेस और माकपा ही रही हैं। उन्होंने माकपा का गढ़ गिराकर ही सत्ता पाई थी और फिर दोहराई है।
बीजेपी कभी भी सूबे में उनके मुकाबले में नहीं थी लेकिन आज बदली हुई परिस्थिति में ममता को अपने ही धुर विरोधियों को एक मंच पर आने का आह्वान करना पड़ा है।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव ने बंगाल में बदल रही हवा से उन्हें परिचित करा दिया है।
वैसे जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी भले ही अजीबोगरीब गठबंधन बनाने की पक्षधर हों लेकिन जैसी तेज़ी के साथ बंगाल में स्थितियां बदल रही हैं उसमें उनका हाल सपा-बसपा गठबंधन जैसा भी हो सकता है।
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को हर पक्ष से हवा मिली है. ऐसे में ममता बनर्जी भले ही विधानसभा चुनाव से पहले हाथ पांव मार रही हैं लेकिन हालात उनके बेहद खिलाफ नज़र आते हैं।
यूं तो देखा जाए तो परिणाम की कल्पना अभी करना जल्दबाज़ी है मगर ये देखना दिलचस्प होगा कि कैसे ममता बनर्जी अपने विरोधियों को साथ लाकर सीटों का बंटवारा करती हैं।

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