हतियार बन्ध औरतो ने फ़ौज को मार, क्या था वो केस

राष्ट्रीय जजमेंट

रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान को गुरुवार को एक बड़ी राहत मिली। उन्हें रामपुर जिले की एमपी–एमएलए कोर्ट ने 2017 में सेना के जवानों पर की गई टिप्पणी मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दरअसल, जिस केस में गुरुवार को आजम खान बरी हुए हैं, वह 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है। उस समय आजम खान पर आरोप लगा था कि उन्होंने सेना के जवानों को लेकर विवादित बयान दिया था।

 बयान के बाद बीजेपी नेता आकाश सक्सेना (रामपुर सदर से मौजूदा बीजेपी विधायक) ने 30 जून 2017 को रामपुर के थाना सिविल लाइंस में धारा 153A और 505 के तहत आजम खान के खिलाफ एफआईआर लिखवाई थी। एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया था कि आजम खान ने सेना के जवानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ये केस रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में करीब 8 साल तक चला, जिसमें गुरुवार को फैसला सुनाया गया। अदालत ने साफ कहा कि इस मामले में आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे, इसलिए आजम खान को दोषमुक्त करार दिया गया।

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