संत निरंकारी स्कूलों का शैक्षिक उत्कृष्टता समारोहः सतगुरु माता ने कहा – पहले इंसान बनो, फिर कुछ भी बनो

नई दिल्ली: तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में मंगलवार को संत निरंकारी मिशन के शैक्षणिक संस्थानों का भव्य शैक्षिक उत्कृष्टता समारोह संपन्न हुआ। “किताबें करती हैं बातें” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में देशभर के संत निरंकारी पब्लिक स्कूलों के हजारों छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन किया कि दर्शक दीर्घा तालियों से गूंज उठी।

कार्यक्रम की सबसे बड़ी शोभा रही सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता रमित की पावन उपस्थिति। सतगुरु ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षा का असली मकसद सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं, बल्कि एक संवेदनशील, नैतिक और अच्छा इंसान बनना है। बच्चे चाहे डॉक्टर बनें, इंजीनियर बनें या खिलाड़ी, सबसे पहले उन्हें मानवता और इंसानियत की राह पर चलना चाहिए।” उन्होंने छात्रों की मेहनत और आत्मविश्वास की तारीफ करते हुए कहा कि आज की ये उपलब्धियां आने वाले उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं।

सतगुरु माता और निरंकारी राजपिता ने “मिरर-ए-रिफलेक्शन” नामक पुस्तक का भी शुभ विमोचन किया। यह पुस्तक आत्मचिंतन, ज्ञान और सकारात्मक जीवन दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाली कृति है।

संत निरंकारी पब्लिक स्कूल, अवतार एन्क्लेव ने अपनी 30 साल की स्वर्णिम यात्रा का जश्न मनाते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें दिल्ली-एनसीआर के अलावा फरीदाबाद, लुधियाना और होशियारपुर के स्कूलों के बच्चों ने भी हिस्सा लिया। शिक्षा विभाग के सचिव जोगिंदर सुखीजा जी ने कहा कि संत निरंकारी स्कूल हमेशा से पढ़ाई के साथ-साथ प्रेम, करुणा, अनुशासन और मानवता के गुण सिखाने में अग्रणी रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा समन्वयक श्रीमती रमन सिंह मनहास ने किया और अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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