राष्ट्रीय जजमेंट
लखनऊ: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 30 नवंबर 2025 को सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में इवेंट्स के आयोजन को पार्क की मूल भावना के खिलाफ बताया. योगी सरकार पर हमला भी बोला. अब भाजपा ने इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है और अखिलेश यादव पर पलटवार किया.बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने दावा किया है, कि सबसे पहले अखिलेश यादव ने ही पार्क में इवेंट आयोजित किया था. 2016 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव की शादी इसी जनेश्वर मिश्र पार्क में हुई थी. जिसे अब सपा प्रमुख पार्क की मूल भावना के खिलाफ और भाजपा का लालच बता रहे हैं.बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि उस शादी में सपा का पूरा शीर्ष नेतृत्व मौजूद था. इसे पार्टी की ताकत का प्रदर्शन भी माना गया था. इससे पहले 2016 में ही समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भी जनेश्वर मिश्र पार्क में ही कराया गया था. बाद में भी इस जगह का व्यावसायिक उपयोग होता रहा है.LDA ने दी थी यह व्यवस्था: 2016 में सपा के कार्यकाल में ही लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पार्क के 300 एकड़ क्षेत्र में से 3 लाख वर्ग फीट जमीन को विशेष रूप से सार्वजनिक समारोहों के लिए आरक्षित किया था. पार्क के इस हिस्से को मुख्य हरियाली क्षेत्र से अलग करके स्वतंत्र परिसर के तौर पर विकसित किया गया था, ताकि शादी-विवाह और बड़े आयोजन हो सकें.क्या कहते हैं LDA दस्तावेज: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के पुराने दस्तावेज बताते हैं, कि सपा सरकार ने ही पार्क के इस हिस्से को बैंक्वेट हॉल और शादी समारोह के लिए व्यावसायिक उपयोग की अनुमति दी थी.उस समय तर्क दिया गया था, कि इससे पार्क के रख-रखाव में मदद मिलेगी और राजस्व भी आएगा. इसके बाद कई अन्य नेताओं और रसूखदार लोगों ने इसी परिसर में शादियां कीं. अब जब योगी सरकार के कार्यकाल में भी यही परंपरा जारी है, तो अखिलेश यादव ने इसे मुद्दा बना लिया है.अब जानें अखिलेश यादव ने क्या लिखा: सोशल मीडिया पोस्ट में सपा प्रमुख ने लिखा- ‘प्रिय लखनऊ और उप्रवासियों, सावधान! भाजपा सरकार पैसे के लालच में लखनऊ के ‘हरित-हृदय’ जनेश्वर मिश्र पार्क को अपनी इंवेटबाजी से दूर रखे. लखनऊ के नागरिकों का स्वच्छ हवा और हरियाली पर पूरा अधिकार है. हम सबको मिलकर एक नागरिक आंदोलन की तरह इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए, यदि हम अकेले यह करेंगे तो इसे राजनीतिक आंदोलन घोषित करके भाजपा सरकार अपना उल्लू सीधा कर लेगी. इसीलिए हमारी हर लखनऊवासी, हर पर्यावरण प्रेमी-एक्टिविस्ट, पार्कों का सदुपयोग करने वाले हर बुजुर्ग, हर परिवारवाले और हर हेल्थ और फिटनेस कांशियस युवक-युवती से अपील है, कि वो आगे आएं और लखनऊ की हरियाली को बचाएं.’बीजेपी ने किया पलटवार: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसी तरह से ऊलूल-जुलूल बयानबाजी करके प्रदेश सरकार को बदनाम करने का प्रयास करते हैं. जनेश्वर मिश्र पार्क के बहुउद्देशीय क्षेत्र का उपयोग आर्थिक तौर पर जरुर किया जा रहा है.मगर, इस फंड का इस्तेमाल पूरी तरह से जनेश्वर पार्क के विकास के लिए होता है. उन्हीं की सरकार ने इसको सबसे पहले हरी झंडी दी और उनके ही भाई आदित्य यादव की यहां सबसे पहले शादी हुई थी. इसके बावजूद वह भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.क्या कहते हैं सपा प्रवक्ता: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि बात यहां शादी समारोह की नहीं है. पार्क के कमर्शियल उपयोग की है. भाजपा ने जनेश्वर मिश्र पार्क को व्यापार का अड्डा बना दिया है. पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाए गए पार्क को इवेंट का केंद्र ना बनाया जाए.क्या कहता है LDA: लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा कि 2016 में इस बहुउद्देशीय क्षेत्र को अलग कर दिया गया था. इसकी पार्किंग भी अलग है. यह चारों ओर से घिरा हुआ है. इसका गेट भी अलग है. हमने निजी एजेंसी को बहुउद्देशीय क्षेत्र को संचालन के लिए दिया है, जिससे आय बढ़ गई है. बहुउद्देशीय क्षेत्र के मेंटेनेंस का काम वही एजेंसी करती है. यहां से मिले धन का उपयोग हम केवल जनेश्वर मिश्र पार्क पर कर रहे हैं. इसके अलावा कहीं और नहीं.
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