हार्ट अटैक पड़ा तो जिला अस्पताल में लगा 50 हजार का इंजेक्शन, जिले में पहली बार पहले मरीज को मुफ्त में मिली सुविधा

राष्ट्रीय जजमेंट

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हार्ट अटैक के मरीज को जिला अस्पताल में मंगलवार को निशुल्क ‘टेनेक्टेप्लाज’ इंजेक्शन लगाया गया। यह इंजेक्शन मेडिकल स्टोर्स में लगभग 40 से 50 हजार रुपये में मिलता है, लेकिन इसे पूरी तरह मरीज को मुफ्त में लगाया गया है। पूरे जिले में इस इंजेक्शन को पहली बार और पहले मरीज के रूप में 52 वर्षीय जय कृष्ण नामक युवक के सीने में दर्द होने पर दिया गया है।

सीने में दर्द होने पर पहुंचे इमरजेंसी
जानकारी के अनुसार, सदर कोतवाली क्षेत्र के शहर स्थित नई तहसील मोहल्ला के रहने वाले जय कृष्ण दिल की बीमारी से ग्रसित हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह अचानक उनके सीने में असहनीय दर्द हुआ और वह बेसुध हो गए। यह देख बेचैन परिजन तुरंत मरीज को लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे। वहां मौजूद डॉक्टर लवीश ने हार्टबीट चेक करने के बाद मरीज की अटैक पड़ने से गंभीर हालत को देख कर सीएमएस को तत्काल इसकी जानकारी दी। सार भारती चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा, केंद्र ने तत्काल प्रभाव से किया पदमुक्त
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‘टेनेक्टोप्लाज’ इंजेक्शन से मरीज को मिली राहत
इस पर सीएमएस भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी के लिए शासन द्वारा मुहैया कराए गए बेस कीमती टेनेक्टेप्लाज इंजेक्शन को जय कृष्ण को लगाया गया। इंजेक्शन लगाने के कुछ ही देर बाद डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में रखा जब मरीज को आराम मिल गया तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए कानपुर के हृदय रोग संस्थान रेफर कर दिया गया।

अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध
सीएमएस डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस इंजेक्शन की कीमत बाजार में करीब 50 हजार रुपये है। हार्ट अटैक के मरीजों के लिए अस्पताल में यह इंजेक्शन उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर मरीज को निशुल्क लगाया जाएगा।

हार्ट अटैक मरीजों के लिए जीवन रक्षक
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर के मुताबिक, हार्ट अटैक की स्थिति में हृदय की रक्त वाहिकाओं में रक्त का थक्का जम जाता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है और मरीज की जान पर खतरा बढ़ जाता है। समय पर ‘टेनेक्टेप्लाज’ इंजेक्शन दिए जाने से यह थक्का घुल जाता है और मरीज की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। शुरुआती 90 मिनट मरीज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। सही समय पर यह इंजेक्शन लगने से मृत्यु दर लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक कम की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा शुरू होने से हार्ट अटैक के बाद की मौतों में उल्लेखनीय कमी आएगी।

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