यूपी पुलिस को कब्जा और हिरासत का फर्क नहीं मालूम; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रयागराज : पुलिस की फर्द (दस्तावेज) में महिला की हिरासत को ‘कब्जा में लेने’ लिखे जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि यूपी पुलिस ने एक महिला से जुड़ा फर्द या पजेशन का मेमो तैयार किया. इसमें दावा किया गया कि उसे ‘कब्जे’ में लिया जा रहा था ताकि यह दिखाया जा सके कि उसे ‘अरेस्ट’ नहीं किया जा रहा है.

मुजफ्फरनगर की सानिया और अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति संजीव कुमार की पीठ ने कहा कि ‘कब्जा’ एक ऐसा शब्द है, जो कानूनी और आम बोलचाल में अंग्रेजी शब्द ‘पजेशन’ के सबसे करीब है. इसका इस्तेमाल इंसानों के लिए नहीं, बल्कि संपत्ति के लिए किया जाता है.

कोर्ट ने कहा इक्कीसवीं सदी में आज के समाज का कोई आदमी, जो पुलिस में काम करता है, यह सोच सकता है कि किसी इंसान को मेमोरेंडम ऑफ पजेशन या फर्द के आधार पर कब्जा किया जा सकता है, इससे हमें लगता है कि कम से कम इस कार्य में शामिल लोग ड्रेड स्कॉट बनाम सैंडफोर्ड, 60 U.S. 393 (1856) के दिनों से बहुत आगे नहीं बढ़े हैं.

बता दें ड्रेड स्कॉट केस में यूएस सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि गुलाम बनाए गए लोग यूनाइटेड स्टेट्स के नागरिक नहीं थे, इसलिए उन्हें फेडरल सरकार या कोर्ट से किसी भी सुरक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती थी.

मामले के अनुसार सानिया ने विकास उर्फ रामकृष्ण से अपनी मर्जी से शादी की थी. दोनों अलग-अलग धर्म के हैं. परिवार वालों ने यह कहते हुए मुकदमा दर्ज कराया कि सानिया नाबालिग है, जिस पर विकास को पुलिस ने जेल भेज दिया. बाद में वह जमानत पर रिहा हुआ. सानिया को पुलिस ने नारी संरक्षण गृह में भेज दिया. उसे वहां से रिहा कराने के लिए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई.

कोर्ट ने इस मामले में नेशनल कमीशन फॉर विमेन को मामले की जांच करने और गलती करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान, लड़की के पिता ने स्कूल के रिकॉर्ड के आधार पर, जिसमें उसकी जन्मतिथि 25 अप्रैल, 2009 दिखाई गई, आरोप लगाया कि वह नाबालिग (17 साल की) है और उसका अपहरण किया गया. हालांकि, कोर्ट ने मेडिको-लीगल सर्टिफिकेशन के आधार पर उसे बालिग पाया. उसे अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जाने की अनुमति दे दी.

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