सिद्धिपुरा पुलिस चौकी ने पकड़े चार साइबर ठग: 1.60 लाख के फ्रॉड का खुलासा, फरीदाबाद-वारंगल के दो केस सुलझे

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ने ‘ऑपरेशन साइ-हॉक’ के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की है। डीबीजी रोड थाने की सिद्धिपुरा चौकी की टीम ने इंटरस्टेट साइबर क्राइम गैंग के चार ठगों को धर दबोचा। ये आरोपी फरीदाबाद के एक चीटिंग केस और तेलंगाना के वारंगल के साइबर क्राइम केस में वांछित थे। पुलिस ने फर्जी ट्रांजेक्शन के जरिए 1.60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा किया, जिसमें कई मुले अकाउंट इस्तेमाल हुए। एक आरोपी ने 92 हजार रुपये निकालकर 10 फीसदी कमीशन लिया था। मुख्य आरोपी सुमित अभी फरार है।

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी निधिन वलसन ने बताया कि ‘साइ-हॉक ड्राइव’ के तहत एनसीआरपी पर दर्ज शिकायतों की छानबीन के दौरान संदिग्ध ट्रांजेक्शन पकड़े गए। 1 मई 2025 को आरोपी समीर के एसबीआई अकाउंट में 50 हजार रुपये का फर्जी क्रेडिट हुआ था। इसके बाद पुलिस एक टीम बनाई गई। एसआई सुमित सिंह, इंस्पेक्टर रणधीर सिंह और एसीपी शौरभ ए. नरेंद्र की निगरानी में टीम ने गुप्त सूत्रों से जानकारी जुटाई।

टीम ने टेक्निकल और मैनुअल जांच की। गुप्त मुखबिर की मदद से किशनगंज निवासी समीर (20 वर्ष) को उसके ठिकाने से पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसके साथी शिवम राठौर के इशारे पर कुल 1.60 लाख के फर्जी ट्रांजेक्शन हुए। दूसरे छापे में शास्त्री नगर निवासी शिवम (20 वर्ष) को उसके घर से दबोचा गया। उसने शास्त्री नगर नीव संदीप (22 वर्ष) का नाम लिया, जिसे तीसरे छापे में पकड़ा गया। संदीप ने बताया कि वह सुमित के लिए कई मुले अकाउंट जुटाता था, जिसमें मलका गंज निवासी अजय (31 वर्ष) का अकाउंट भी शामिल था। चौथे छापे में अजय को गिरफ्तार किया गया, जिसने कबूल किया कि संदीप ने 10 फीसदी कमीशन का लालच देकर अकाउंट इस्तेमाल करने को कहा। अजय ने 92 हजार निकाले, जिनमें से 9,200 रुपये कमीशन लिए।

डीसीपी निधिन वलसन ने कहा कि पूछताछ में चारों ने कबूल किया कि वे सुमित समेत दो मुख्य ठगों के लिए मुले अकाउंट जुटाते थे। ठगी की रकम कई किस्तों में अकाउंट में आती, कमीशन काटकर बाकी मुख्य आरोपी को सौंप देते। मुख्य आरोपी सुमित की तलाश जारी है और आगे की जांच चल रही है। यह अभियान साइबर ठगों पर लगाम कसने में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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