मोबाइल फोन चोरी हो गया? यूपी के DIG कलानिधि नैथानी ने बताई ये खास ट्रिक, आप भी जान लीजिए

राष्ट्रीय जजमेंट

मेरठ: डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम का पोर्टल अब मोबाइल चोरी और गुमशुदगी की शिकायतों के त्वरित निस्तारण का मजबूत साधन बनता जा रहा है। अक्टूबर 2025 की मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट में यूपी के बुलंदशहर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया है। यह रैंकिंग Director (DIU), Dept. of Telecom, UP East, LSA की तरफ से जारी की गई है।

DIG मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने बताया कि CEIR पोर्टल चोरी या गुम मोबाइल की ट्रैकिंग और रिकवरी के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जो देशभर के टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के नेटवर्क से जुड़कर मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने में मदद करता है।

1. शिकायत दर्ज होते ही मोबाइल की फीडिंग
किसी भी गुम या चोरी हुए मोबाइल को CEIR पोर्टल पर Block Stolen/Lost Mobile विकल्प के माध्यम से दर्ज किया जाता है। इसके लिए पुलिस शिकायत नंबर, पहचान पत्र व खरीद की रसीद आवश्यक होती है। शिकायतकर्ता स्वयं भी पोर्टल पर रिपोर्ट कर सकता है या थाने में आवेदन दे सकता है।
2. 24 घंटे में IMEI ब्लॉकिंग फीडिंग के बाद 24 घंटों के भीतर मोबाइल की जानकारी सभी टेलीकॉम कंपनियों तक पहुंच जाती है। कंपनियां उस IMEI नंबर को ब्लॉक कर देती हैं, जिससे फोन किसी भी सिम पर नेटवर्क नहीं पकड़ता।

3. उपयोग का प्रयास होते ही ट्रेसिंग शुरू
यदि कोई व्यक्ति चोरी/गुम मोबाइल में नई सिम डालकर उपयोग की कोशिश करता है, तो सर्विस प्रोवाइडर तत्काल उसकी ट्रेसेबिलिटी रिपोर्ट CEIR पोर्टल पर अपलोड कर देता है। इसमें उपयोगकर्ता का नंबर, समय व लोकेशन सर्किल जैसी जानकारी होती है।

4. थाने द्वारा तुरंत एक्शन, थाना पुलिस पोर्टल पर उपलब्ध रिपोर्ट को देखकर संबंधित नंबर से संपर्क करती है। जांच के बाद मोबाइल की बरामदगी की जाती है और कार्यवाही पोर्टल पर अपडेट की जाती है।

5. रिकवरी के बाद अपडेट, बरामद मोबाइल की जानकारी भी पोर्टल व संबंधित टेलीकॉम कंपनी को भेजी जाती है ताकि IMEI को अनब्लॉक किया जा सके।

DIG नैथानी के जारी महत्वपूर्ण निर्देश

प्रत्येक थाने में CEIR पोर्टल के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
थाना स्तर पर गठित टीम को पोर्टल संचालन की विशेष ट्रेनिंग दी जाए।
जनपद स्तर पर मोबाइल बरामदगी सेल का गठन हो, जो रोजाना सभी थानों की प्रगति की समीक्षा करे।
हर शिकायत को 24 घंटे के भीतर पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
IMEI आधारित सभी ट्रैकिंग प्रयासों को पोर्टल पर अंकित किया जाए।
जनता को CEIR पोर्टल के बारे में जागरूक करने हेतु सोशल मीडिया, समाचार पत्रों व जागरूकता कार्यक्रमों का सहारा लिया जाए।
उत्कृष्ट कार्य करने वाली पुलिस टीमों को पुरस्कृत किया जाए।
किसी भी स्तर पर लापरवाही मिलने पर उत्तरदायित्व तय किया जाए।

CEIR पोर्टल की मदद से मोबाइल रिकवरी में तेजी
DIG नैथानी ने स्पष्ट कहा कि CEIR पोर्टल की मदद से मोबाइल रिकवरी में तेजी आई है और यदि हर थाना ईमानदारी से दैनिक ट्रेसेबिलिटी चेक करे, तो अधिकांश मोबाइल जल्द बरामद हो सकते हैं। उनका कहना है कि यह पोर्टल न सिर्फ पीड़ितों को त्वरित राहत दिलाता है बल्कि चोरी की घटनाओं पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में सक्षम है।

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