राष्ट्रीय जजमेंट
हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की पुलिस ने एक ऐसे शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने मर्चेंट नेवी में नौकरी का झांसा देकर युवती और युवक से 6 लाख रुपये ठग लिए। इतना ही नहीं आरोपी ने युवक और युवती को थाईलैंड के जरिए म्यांमार में साइबर अपराधियों को बेच दिया। उन्हें वहां करीब दो महीने तक बंधक बनाकर रखा गया।
साइबर अपराध कराने के लिए उन्हें वहां भूखा-प्यास रखा जाता था। काम न करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी। युवक और युवती से साइबर अपराधी 18-18 घंटे तक साइबर ठगी का काम कराते थे। किसी तरह उन्होंने मौका पाकर भारतीय दूतावास से संपर्क किया। इसके बाद वह भारत पहुंचे।
विज्ञापन के जरिए शुरू हुआ फ्रॉड
हाथरस जिले की कोतवाली सादाबाद क्षेत्र के रहने वाले हरीश और उसकी साथी राखी ने तमिलनाडु के इम्मानुएल अरसर इंजीनियरिंग कॉलेज चेन्नई से जीपी रेटिंग कोर्स किया था। वह मर्चेंट नेवी में नौकरी की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक विज्ञापन के जरिए संजय राणा नाम के व्यक्ति का पता चला, जिसने खुद को ‘मर्लिन मैनेजमेंट एंड एजुकेशन सेंटर’ का निदेशक बताया।
यही से हुई ठगी और विदेश तक साइबर क्राइम की शुरुआत आरोपी संजय राणा ने नौकरी दिलाने के नाम पर दोनों से ऑनलाइन करीब 6 लाख रुपये ठग लिए, लेकिन नौकरी नहीं लगी। युवक और युवती ने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो शातिर संजय ने 7 सितंबर को अपने थाईलैंड के सहयोगी सचिन राणा की मदद से उन्हें थाईलैंड भेज दिया।
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