5 साल लिव-इन-रिलेशन में रही, फिर कराया एससी एसटी एक्ट का मुकदमा; कोर्ट ने युवती को सुनाई सजा

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग के मामले में एक लड़की को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश विवेक नंद शरण त्रिपाठी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत में हाल के महीनों में उन मामलों में कठोर सजा सुनाई है, जहां जांच और सबूत से यह साबित हुआ है कि पीड़ित बताने वाले लोगों ने प्रतिशोध या व्यक्तिगत रंजिश के चलते फर्जी मुकदमे दर्ज कराए थे.
इसी क्रम में अपने लविंग पार्टनर पर रेप और एससी एसटी एक्ट का झूठा आरोप लगाने वाली महिला रिंकी को अदालत ने साढ़े 3 साल की सजा सुनाई है. फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश विवेकनंद शरण त्रिपाठी नहीं कहा, यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कानून का दुरुपयोग किस तरह से निर्दोष लोगों को आजीवन कारावास जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने के लिए किया जा सकता है.अदालत ने कहा कि यदि झूठे मामलों पर कठोर कार्रवाई न की गई तो एससी एसटी एक्ट का गलत इस्तेमाल बढ़ता ही रहेगा. अदालत के अनुसार आरोपी रिंकी 5 साल से दीपक के साथ लिव इन में रह रही थी. फरवरी 2025 में दीपक ने दूसरी महिला से शादी कर ली.इससे नाराज होकर रिंकी उसके घर में घुस गई और शादी का दबाव बनाने लगी. बदले की नीयत से उसने दुष्कर्म और एससी एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा उस पर दर्ज करा दिया. न्यायालय ने सबूत के आधार पर यह पाया कि दीपक पर लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और सुनियोजित तरीके का प्रयास था.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More