‘तेजस्वी अपने पिता लालू के ‘पाप’ छिपा रहे हैं, राजद-कांग्रेस विदेशी पर्व मनाते हैं’, पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) पर तीखा प्रहार करते हुए सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) व कांग्रेस आपस में ही लड़ रहे हैं, जबकि गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद यादव के ‘‘पापों को छिपाने’’ की कोशिश कर रहे हैं। सहरसा और कटिहार जिलों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस और राजद के परिवार विदेश यात्राओं और विदेशी पर्व मनाने में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्हें अयोध्या में राम मंदिर जाने का समय नहीं मिलता और वे छठ पूजा को ‘ड्रामा’ बताते हैं।’’

प्रधानमंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल उन वीडियो से जुड़ा माना जा रहा है, जिनमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने पोते-पोतियों के साथ ‘हैलोवीन’ का जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘तेजस्वी यादव अपने पिता की विरासत की बात तो करते हैं, लेकिन चुनावी पोस्टरों पर उनकी तस्वीर लगाने से बचते हैं। आखिर उस तथाकथित ‘जंगलराज’ वाले बड़े नेता के कौन से पाप हैं, जिन्हें यह युवराज छिपाना चाहता है?’’ हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी विपक्षी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान पर तेजस्वी यादव और मीसा भारती दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बेसिर-पैर की बातें बंद करें और बिहार के 14 करोड़ लोगों को बताएं कि उन्होंने उनके लिए क्या किया है। जहां तक लालू प्रसाद का सवाल है, रेल मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ऐतिहासिक रूप से सफल रहा है, जिससे उनके विरोधी आज भी ईर्ष्या करते हैं।’’ मीसा भारती ने कहा, ‘‘कौन कहता है कि लालू प्रसाद के पोस्टर नहीं लगे हैं? क्या प्रधानमंत्री बिहार सिर्फ यह गिनने आते हैं कि राजद ने कितने पोस्टर लगाए? बेहतर होगा कि वे ठोस मुद्दों पर बात करें।’’

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि राजद ने ‘‘कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रखकर’’ तेजस्वी यादव को ‘इंडिया’ गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा बनवाया और दावा किया कि ‘‘अब कांग्रेस उस अपमान का बदला लेना चाहती है।’’ तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘क्या किसी ने कभी किसी प्रधानमंत्री को इस तरह की का इस्तेमाल करते देखा है?’’ मीसा भारती ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को रोजगार की बात करनी चाहिए, लेकिन वह लोगों को ‘कट्टा’ पर भाषण दे रहे हैं।’’

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