साइबर ठगों का “डिजिटल अरेस्ट” जाल, दिल्ली पुलिस ने दो को गुजरात से पकड़ा

नर्सिंग अधिकारी से 7 लाख की ठगी का मामला, झारखंड-गुजरात में छापेमारी

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर थाना पश्चिम जिला इकाई ने एक बड़े साइबर अपराध का पर्दाफाश करते हुए गुजरात के सुरेंद्रनगर से दो ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने एक नर्सिंग अधिकारी को “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर डराकर 7 लाख रुपये की ठगी की थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सोयबभाई मुल्तानी (24) और असलमभाई मुल्तानी (37) के रूप में हुई है, जो म्यूल खातों की व्यवस्था और ठगी की रकम निकालने में शामिल थे। एक अन्य आरोपी, झारखंड निवासी जितेंद्र कुमार, को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस के मुताबिक, बीती 19 जुलाई को पश्चिम दिल्ली के साइबर थाने में नर्सिंग अधिकारी ने शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता को एक फर्जी कॉल के जरिए बताया गया कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है। व्हाट्सएप पर फर्जी वीडियो कॉल के जरिए “जांच” के नाम पर उन्हें डराया गया और उनके खाते से 7 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। इस मामले में थाना साइबर पश्चिम में मुकदमा दर्ज किया गया।

पश्चिम जिला के डीसीपी दाराडे शरद भास्कर की देखरेख में इंस्पेक्टर विकास बुलदाक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। जांच में पता चला कि ठगी की रकम का 30% हिस्सा झारखंड के एक मुथूट गोल्ड लोन खाते में और 70% हिस्सा गुजरात के सुरेंद्रनगर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में स्थानांतरित किया गया। बैंक की सीसीटीवी फुटेज से एक आरोपी की पहचान हुई, जो चेक के जरिए रकम निकाल रहा था। इसके बाद झारखंड और गुजरात में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने पाया कि सोयबभाई एक ट्रैक्टर कंपनी में सेल्समैन और असलमभाई एक डेयरी फार्म चलाता है। ये दोनों ठगी की रकम को अंगड़िया के जरिए अन्य सह-आरोपियों तक पहुंचाते थे और प्रत्येक लेनदेन पर 2-4% कमीशन लेते थे। जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह से जुड़े 14 अन्य मामले देश के विभिन्न राज्यों में एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल फोन और 5 सिम कार्ड बरामद किए हैं। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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