राष्ट्रीय जजमेंट
आगरा: आगरा में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सोनिका चौधरी ने तीन वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में दोष साबित होने पर दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही दोषी के साथी को पांच साल के कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.
मामला 28 फरवरी 2023: एडीजीसी सुभाष गिरि और विशेष लोक अभियोजक विजय किशन लवानिया ने बताया कि मामला 28 फरवरी 2023 का है. बमरौली कटारा थाना क्षेत्र में तीन वर्षीय बालिका घर के पास खेल रही थी, तभी आरोपी मदन उसे बहला-फुसलाकर ले गया. उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपी के साथी अंकित ने घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था.
उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने एक मार्च को आरोपी मदन और चार मार्च को साथी अंकित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद एक मई 2023 को पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था. सुनवाई में अभियुक्तों का कृत्य निंदनीय और गंभीर प्रकृति का होने पर कठोरतम सजा दिए जाने की अदालत से मांग की थी.नौ गवाह और साक्ष्यों से मिली सजा: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सोनिका चौधरी ने नौ गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त मदन और अंकित को दोषी पाया.इस पर मदन निवासी बमरौली कटारा को दोषी मानकर आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) और 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इसके साथ ही घटना का वीडियो बनाने के आरोपी अंकित को पॉक्सो व आईटी एक्ट के तहत पांच साल के कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.कोर्ट ने की ये सख्त टिप्पणी: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सोनिका चौधरी ने फैसले में कहा कि यह अपराध केवल दुष्कर्म का नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता को झकझोर देने वाला है. मासूम की उम्र महज तीन साल थी. पीड़ित अबोध बालिका थी.न्यायाधीश ने कहा कि नाबालिग बालक और बालिकाएं अब बाहर ही नहीं, घर और पड़ोस में भी सुरक्षित नहीं हैं. बालक-बालिकाएं हमारे समाज का भविष्य और राष्ट्र के निर्माणकर्ता हैं. उनके लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना समाज के प्रत्येक व्यक्ति और संस्था का दायित्व है.
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