दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का किया भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की पश्चिम जिले की साइबर सेल ने एक बड़े ऑनलाइन जॉब फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सीधा संबंध एक चीनी नागरिक से था, जो टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए संचालित हो रहा था। गिरफ्तार आरोपियों ने भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी के पैसों को इकट्ठा किया और उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशी हैंडलर्स को ट्रांसफर किया। इस कार्रवाई में पुलिस ने 5 लाख रुपये नकद, 5 मोबाइल फोन, 10 बैंक पासबुक और 14 चेकबुक बरामद किए हैं।

पश्चिम जिला के डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने बताया कि 11 सितंबर को तिलक नगर की एक नर्स ने शिकायत दर्ज की कि इंस्टाग्राम पेज और टेलीग्राम ग्रुप के जरिए उसे पार्ट-टाइम जॉब के नाम पर ठगा गया। उसने 15.94 लाख रुपये निवेश किए, लेकिन बदले में और पैसे जमा करने का दबाव बनाया गया। इस शिकायत पर साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।

टीम ने तकनीकी विश्लेषण और मनी ट्रेल के आधार पर जांच शुरू की। इंस्पेक्टर विकास कुमार बुलदाक की देखरेख में टीम ने उत्तम नगर और बतला हाउस में छापेमारी की। पहले सब्बीर अहमद (43) को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मोहम्मद सरफराज (32) और मोहम्मद दिलशाद (20) को पकड़ा गया। पूछताछ में दिलशाद ने खुलासा किया कि वह एक चीनी नागरिक के संपर्क में था और 5% कमीशन के बदले भारतीय बैंक खातों की व्यवस्था करता था। सब्बीर 1% कमीशन पर नकदी निकालने में मदद करता था।

डीसीपी दराडे शरद भास्कर ने बताया कि आरोपियों के खातों में करीब 2.60 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। इन खातों से जुड़ी 26 शिकायतें देश के विभिन्न राज्यों से NCRP पोर्टल पर दर्ज हैं। ठगी का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता था। जांच जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों व चीनी हैंडलर्स तक मनी ट्रेल को ट्रैक किया जा रहा है।

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