14.5 लाख यूनिट रक्तदान: संत निरंकारी मिशन की सेवा को मिला एम्स का सम्मान

नई दिल्ली: मानवता की निस्वार्थ सेवा में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले संत निरंकारी मिशन को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल द्वारा विशेष सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में देश-विदेश में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन मार्गदर्शन में मिशन द्वारा की जा रही यह सेवा समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

एम्स, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में मिशन के महासचिव सुखदेव को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर मिशन के मेडिकल सर्विस कोऑर्डिनेटर डॉ. नरेश अरोड़ा की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सम्मान ग्रहण करते हुए श्री सुखदेव जी ने कहा, “संत निरंकारी मिशन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से समाज कल्याण के लिए समर्पित है। रक्तदान एक ऐसा पुण्य कार्य है, जो न केवल जीवन बचाता है, बल्कि मानवता की भावना को मजबूत करता है। यह सेवा बाबा हरदेव सिंह के उस दिव्य संदेश से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए।’ हमारी यह सेवा-यात्रा उसी संदेश को जीवंत करती है।”

संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन, वर्षों से देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों में नियमित रूप से रक्तदान शिविरों का आयोजन करती आ रही है। इस वर्ष भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में मिशन द्वारा रक्तदान शिविरों का सफल आयोजन किया गया। मिशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि मिशन के भक्त रक्तदान को केवल एक सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि अपनी आध्यात्मिक भक्ति का अभिन्न अंग मानते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक मिशन द्वारा लगभग 14 लाख 50 हजार यूनिट रक्त दान किया जा चुका है, जो मिशन की संवेदनशीलता और मानवता के प्रति उत्तरदायित्व को दर्शाता है।

संत निरंकारी मिशन का सेवा कार्य केवल रक्तदान तक सीमित नहीं है। प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप और अन्य संकटों के समय मिशन राहत और पुनर्वास कार्यों में भी सक्रियता से भाग लेता है। चाहे वह भोजन वितरण हो, आश्रय प्रदान करना हो या चिकित्सा सहायता, मिशन के स्वयंसेवक हर संकट में जरूरतमंदों के साथ खड़े रहते हैं। सुखीजा ने कहा, “मिशन का प्रत्येक कार्य सेवा, समर्पण और करुणा के मूल मंत्र पर आधारित है। हमारा उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक मानवता का संदेश पहुंचाना है।”

इस सम्मान ने न केवल संत निरंकारी मिशन के कार्यों को राष्ट्रीय मंच पर सराहना दिलाई, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिशन के प्रयासों की सराहना करते हुए एम्स के अधिकारियों ने कहा कि संत निरंकारी मिशन का योगदान रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है।

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