मां दुर्गा की अनोखी साधना! भूखे-प्यासे महिला ने ली है समाधि, सपने में माता रानी आईं-परिवार का दावा

राष्ट्रीय जजमेंट

छतरपुर: जिले के धरमपुरा में रहने वाली 45 साल की कमला अहिरवार इन दिनों देवी माता की कठोर साधना कर रही हैं। कमला ने धसान नदी के किनारे जमीन के अंदर समाधि ली हुई है। उन्होंने 9 दिनों तक देवी मां की आराधना करने का निर्णय लिया है।
उनके परिवार के लोग आसपास पहरा दे रहे हैं। उनकी देखरेख कर रहे हैं। कमला ने 9 दिनों से ना तो कुछ खाया-पिया है और ना ही किसी से बात की है। कमला के पति प्रकाश अहिरवार बताते हैं कि उनकी पत्नी पिछले 9 सालों से देवी माता की आराधना कर रही हैं। 9 सालों तक उन्होंने अपने शरीर में जवारे उगाए हैं और कई दिव्य स्थान पर जाकर उनका विसर्जन किया है। इस वर्ष दसवीं साल है। इसी वर्ष उन्हें इस तरह की प्रेरणा हुई कि उन्हें जमीन में समाधि लेते हुए माता की आराधना करनी है। इसी वजह से नवरात्रि के पहले दिन से ही उन्होंने जमीन में समाधि ले ली और अब हम लोग बाहर उनकी देखरेख कर रहे हैं।गांव के लोग हर रोज शाम को वहां आते हैं। भजन कीर्तन होता है। कमला के पति प्रकाश अहिरवार एवं उनके परिवार के अन्य लोग रोजाना रात को उसी स्थल पर पहरा देते हैं। वह लोग इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि कोई जंगली जानवर उनके आसपास ना आ जाए। इसके लिए रात भर परिवार का एक सदस्य और गांव के कुछ लोग वहां मौजूद रहते हैं।
माता रानी ने सपने में दी थी इसकी प्रेरणा
गांव में ही रहने वाले काशीराम भदौरिया बताते हैं कि इन्होंने कुछ दिनों पहले बताया था कि माता रानी ने उन्हें स्वप्न में इस बात की प्रेरणा दी हैं कि उन्हें जमीन में रहते हुए आराधना करनी है। इसीलिए कमला ने जमीन में समाधि लेने का निर्णय लिया है। यह अपने आप में अनोखा है। हम सभी लोग उनके आसपास सुरक्षा में रहते हैं।सोशल मीडिया पर भी वायरल है यह खबर
पास के ही गांव के रहने वाले एक युवक डी के कुशवाहा ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया और आसपास के लोगों से इस बात की जानकारी लगी थी। कमला अहिरवार ने जिस जगह समाधी ली है वहां पर चौबीस घंटे ज्योति जल रही है। एक त्रिशूल और समाधी के पास में ही जीवारे बोये गए हैं। रोजाना बड़ी संख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए भी आ रहे हैं।

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