नरेला में प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस पर फायरिंग और 5 करोड़ की उगाही का मामला सुलझा, 8 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के नरेला में प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस पर फायरिंग और 5 करोड़ रुपये की उगाही की धमकी देने वाले सनसनीखेज मामले में दिल्ली पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य हमलावर, हथियार सप्लायर और वित्तीय मदद देने वाले शामिल हैं। इस घटना को अंजाम देने के लिए चोरी की मोटरसाइकिलों और सिग्नल ऐप का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल सभी मोटरसाइकिलें, हथियार और मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं।

बाहरी उत्तरी जिले के डीसीपी हरीश्वर स्वामी ने बताया कि 14 सितंबर को नरेला के जय भवानी बिल्डकॉन ऑफिस पर दो नकाबपोश युवक सफेद अपाचे बाइक पर सवार होकर आए और ताबड़तोड़ फायरिंग कर हरियाणा की ओर फरार हो गए। इस घटना में प्रॉपर्टी डीलर राजेश कौशिक घायल हो गए। मौके से चार खाली कारतूस बरामद हुए। उसी दिन नरेला थाने में एक धमकी भरा कॉल आया, जिसमें 5 करोड़ रुपये की मांग की गई और न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस बयान के आधार पर नरेला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू हुई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए नरेला थाने और स्पेशल स्टाफ की कई टीमें गठित की गईं। थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर आनंद कुमार झा के नेतृत्व में एसीपी राकेश कुमार, एसीपी दिनेश कुमार और आईपीएस विजय सिंह की देखरेख में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, गुप्त सूत्रों और तकनीकी सहायता से गोकुल पुर, दिल्ली के पास पहली सफलता हासिल की।

डीसीपी ने बताया कि 18 सितंबर को तीन मुख्य हमलावर दीनेश, सौरव और हेमंत उर्फ अक्षय को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने सफियाबाद रोड पर फायरिंग की थी। 26 सितंबर को तीन अन्य आरोपी अशीष त्यागी उर्फ काला, वंश मलिक और राहुल उर्फ पिस्तल को पकड़ा गया, जिन्होंने बाइक और हथियार मुहैया कराए थे। उसी दिन दो अन्य आरोपी सचिन और संदीप उर्फ सन्नी उर्फ छन्नी को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने इस अपराध के लिए वित्तीय मदद दी थी।

पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह पूरी साजिश कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के कथित भाई जोरा ने रची थी। जोरा ने राहुल उर्फ पिस्तल के जरिए दीनेश, सौरव और हेमंत को इस काम के लिए तैयार किया और लाखों रुपये का लालच दिया। सिग्नल ऐप के जरिए पूरी साजिश को अंजाम दिया गया। आरोपियों को बहादुरगढ़ के एक होटल में बुलाया गया, जहां सिग्नल ऐप डाउनलोड करवाया गया। इसके बाद उन्हें पानीपत बस स्टैंड के पास एक होटल में ठहरने को कहा गया।

14 सितंबर को अशीष त्यागी और कुणाल त्यागी ने अनुरोध त्यागी उर्फ मोनू के कहने पर अपाचे बाइक, हेलमेट और तीन पिस्तौलें सोनीपत के पास एक अंडरपास पर मुहैया कराईं। दीनेश, सौरव और हेमंत ने ऑफिस की तस्वीर देखकर रेकी की और फिर फायरिंग की। इस अपराध में चोरी की अपाचे और स्प्लेंडर बाइक का इस्तेमाल किया गया, जिसे वंश मलिक और राहुल उर्फ पिस्तल ने मुहैया कराया था। अनुरोध त्यागी ने जोरा के कहने पर इस ऑपरेशन के लिए पैसे की व्यवस्था की थी।

राहुल उर्फ पिस्तल के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और चोरी के तीन मामले पहले से दर्ज हैं। अशीष त्यागी के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला और संदीप उर्फ सन्नी के खिलाफ हत्या का प्रयास का एक मामला दर्ज है। पुलिस अब जोरा और अनुरोध त्यागी उर्फ मोनू सहित बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।

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