नकली चिप्स, एक्सपायर कुरकुरे! यूपी के इस जिले में खप रहा ‘मौत का सामान’, त्योहारी मौसम में खतरे की खबर

राष्ट्रीय जजमेंट

आजमगढ़: एक समय था जब गांव की आबोहवा और खानपान स्‍वस्‍थ माना जाता था। लोग मिसाल देते थे कि किस तरह गांव का भोजन हानिकारक रसायनों से बचा हुआ है। लेकिन उपभोक्‍तावाद की अंधी दौड़ ने यहां भी सब उलटपुलट कर दिया है। गांवों में भी अब पैकेटबंद स्‍नैक्‍स और चिप्‍स बिकने लगे हैं। उससे भी खराब बात यह है कि इनमें से अधिकांश खराब क्‍वॉलिटी वाले और एक्‍सपायर्ड होते हैं। दिवाली, दशहरा नजदीक है, ऐसे में आजमगढ़ के गांवों में मिलावटखोरी करने वाले अपना सामान स्‍थानीय दुकानों में भरने लगे हैं।
इनमें से या तो ब्रॉन्‍डेड कंपनियों का एक्‍सपायरी सामान होता है या फिर उनकी हूबहू नकल वाला घटिया क्‍वॉलिटी का सस्‍ता स्‍नैक। गांव के छोटे बच्‍चों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इन्‍हें खाकर वे बीमार तो होते ही हैं, लंबे समय इस्‍तेमाल करने पर उनमें और दूसरे ग्रामीणों में डायाब‍िटीज, हाई बीपी जैसी समस्‍याएं होने लगती हैं। को चकमा, चीन-क्यूबा के लोग ऐसे सफर में आगे
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आजमगढ़ जैसे कई जिलों में त्योहारी सीजन के दौरान एक्सपायरी हो चुके और असमर्थित ब्रांडेड व लोकल कंपनियों के चिप्स-कुरकुरे दुकानों पर खुलेआम बिक रहे हैं। खाद्य पदार्थों की नियमित जांच न होने के कारण यह समस्या और गंभीर हो गई है। ग्रामीण बच्चों के बीच इन पैकेट बंद खाद्य पदार्थों की लोकप्रियता के चलते कई बार फूड प्वाइजनिंग और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गई हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इन खराब स्नैक्स की शिकायतें कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
इंटरनेट के माध्यम से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था की है, जहां कोई भी उपभोक्ता खराब क्वालिटी वाले खाद्य पदार्थों की शिकायत ऑनलाइन या ऐप के जरिए कर सकता है। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि मिलावटी और एक्सपायरी उत्पादों की शिकायतों को त्वरित तरीके से निवारण किया जा सके।ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस बारे में जागरूक करने तथा उचित जांच और कार्रवाई बढ़ाने की जरूरत है, ताकि सेहतमंद और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके। खासतौर पर बच्चों को पैकेज्ड स्नैक्स की लत से बचाना जरूरी है, क्योंकि ये खाद्य पदार्थ उनके विकास पर बुरा असर डालते हैं।

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