दिल्ली-एनसीआर में पुलिस ने अवैध हथियारों का जखीरा पकड़ा, मुरादाबाद में कारतूस बनाने की फैक्ट्री का भी भंडाफोड़

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक अवैध कारतूस निर्माण फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने तीन हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और कारतूस बनाने का सामान बरामद किया है। इस कार्रवाई से दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियारों की तस्करी के नेटवर्क को गहरा झटका लगा है।

स्पेशल सेल ईस्टर्न रेंज की टीम, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर सुनील तेवतिया और एसीपी कैलाश बिष्ट कर रहे थे, को 22 सितंबर को गुप्त सूचना मिली कि मुरादाबाद का एक हथियार तस्कर, फाजिल (50), गाज़ीपुर फ्लाईओवर के पास अवैध हथियारों की डिलीवरी करने वाला है। पुलिस ने तुरंत जाल बिछाया और फाजिल को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से चार सिंगल-शॉट पिस्तौल और 166 जिंदा .315 बोर कारतूस बरामद किए गए। इस आधार पर एक मामला दर्ज किया गया।

नेटवर्क का खुलासा: रामपुर और मुरादाबाद में छापेमारी

फाजिल के बयान के आधार पर पुलिस ने अगले दिन रामपुर, उत्तर प्रदेश में छापेमारी की, जहां जामिर (57) को गिरफ्तार किया गया। जामिर के पास से 20 जिंदा .315 बोर कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में जामिर ने खुलासा किया कि वह मुरादाबाद के इलियास (65) से हथियार और गोला-बारूद लेता था। इसके बाद पुलिस ने मुरादाबाद में छापा मारा और इलियास को गिरफ्तार कर लिया। इलियास के कब्जे से दो सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और एक सिंगल-शॉट पिस्तौल बरामद की गई।

इलियास की पूछताछ में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उसने बताया कि उसके घर के पास एक मकान में अवैध कारतूस बनाने की फैक्ट्री चल रही है। स्थानीय पुलिस की मदद से इस मकान पर छापेमारी की गई, जहां से लेथ मशीन, ग्राइंडिंग मशीन, 257 खाली कारतूस, 354 बुलेट लेड, 350 खाली गोली के खोल, बारूद, 20 ठोस पीतल की छड़ें, पीतल का स्क्रैप और अन्य कारतूस बनाने का सामान बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार, बरामद सामग्री से करीब 1,000 कारतूस बनाए जा सकते थे।

गिरफ्तार तस्करों में मुरादाबाद निवासी फाजिल (50) एक किसान है और पढ़ाई-लिखाई नहीं की। करीब 5-6 साल पहले वह अपने रिश्तेदारों के जरिए जामिर के संपर्क में आया और दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियारों की सप्लाई शुरू की। रामपुर निवासीजामिर (57) ने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर परिवार की मदद के लिए छोटे-मोटे काम शुरू किए। वह भी 5-6 साल पहले इलियास के संपर्क में आया और अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल हो गया। मुरादाबाद निवासी इलियास (65) ने भी पांचवीं तक पढ़ाई की और पीतल के बर्तन बनाने के पारिवारिक व्यवसाय में काम शुरू किया। कम उम्र में उसने स्थानीय कारीगरों से कारतूस बनाने की तकनीक सीखी। पिछले 20 साल से वह अवैध हथियार और गोला-बारूद बनाने के धंधे में सक्रिय है। वह पहले भी मुरादाबाद के मुगलपुरा थाने में आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कई मामलों में गिरफ्तार हो चुका है।

पुलिस ने कुल 2 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, 5 सिंगल-शॉट पिस्तौल, 210 जिंदा .315 बोर कारतूस, लेथ मशीन, ग्राइंडिंग मशीन, 257 खाली कारतूस, 354 बुलेट लेड, 350 खाली गोली के खोल, बारूद, 20 ठोस पीतल की छड़ें, पीतल का स्क्रैप और अन्य कारतूस बनाने का सामान बरामद किया हैं।

स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियारों की तस्करी को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने और इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए जांच कर रही है।

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