दिल्ली नगर निगम ने मनाया 10वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस: “मनुष्य और प्रकृति” थीम के साथ स्वस्थ जीवनशैली पर जोर

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुष विभाग ने आज सिविक सेंटर के अरुणा आसफ अली सभागार में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर उपमहापौर जयभगवान यादव, स्थायी समिति की अध्यक्षा सत्या शर्मा, नेता सदन प्रवेश वाही, स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष मनीष चड्ढा, पार्षद अमित नागपाल, निगम आयुक्त अश्विनी कुमार, अतिरिक्त आयुक्त पंकज नरेश अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त (मुख्यालय) बी.पी. भारद्वाज सहित आयुष विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, डॉक्टर और कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद आयुर्वेद पर आधारित प्रदर्शनी और विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किए गए।

उपमहापौर जयभगवान यादव ने सभी को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। आज जब पूरी दुनिया प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार की ओर देख रही है, तब आयुर्वेद हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली नगर निगम का लक्ष्य है कि आयुर्वेद के लाभ हर नागरिक तक पहुंचें और आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ और सशक्त बनें। “आयुर्वेद हमारी प्राचीन धरोहर है, जो आज भी लोगों के स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावी माध्यम है। निगम इस दिशा में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर काम करेगा,” उन्होंने कहा।

स्थायी समिति की अध्यक्षा सत्या शर्मा ने कहा, “निरोगी शरीर स्वस्थ समाज की नींव है। आयुर्वेद हमें नियमित योग, संतुलित आहार और अच्छी नींद के माध्यम से स्वस्थ रहने का मार्ग दिखाता है।” उन्होंने युवा पीढ़ी से अपील की कि वे आयुर्वेद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, क्योंकि यह आज के दौर में भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना सदियों पहले था।

नेता सदन प्रवेश वाही ने आयुर्वेद को जीवन जीने का विज्ञान करार देते हुए कहा, “आयुर्वेद केवल बीमारियों का उपचार नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली का दर्शन है। यह हमें संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और प्रकृति के साथ सामंजस्य के साथ जीना सिखाता है।” उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, और आयुर्वेद इनका रोकथाम और उपचार करने का किफायती और सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।

स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष मनीष चड्ढा ने कहा, “आयुर्वेद की सबसे बड़ी ताकत इसकी रोकथाम पर आधारित पद्धति है। यदि हम इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लें, तो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।” उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे आयुर्वेद को अपनाकर स्वस्थ और संतुलित जीवन जिएं।

निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने आयुर्वेद की व्यावहारिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आयुर्वेद हमें केवल उपचार ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का अनुशासन भी सिखाता है। शारीरिक और मानसिक अनुशासन को अपनाकर हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।” उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज की नींव अच्छी जीवनशैली है, और दिल्ली नगर निगम इस दिशा में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में आयुर्वेदिक औषधियों, जड़ी-बूटियों और जीवनशैली से जुड़े उपायों को प्रदर्शित किया गया। विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यानों में आयुर्वेद के वैज्ञानिक आधार और इसके आधुनिक जीवन में उपयोग पर चर्चा की। इस आयोजन ने न केवल आयुर्वेद की प्रासंगिकता को रेखांकित किया, बल्कि दिल्लीवासियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी किया।

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