गोमती पुस्तक महोत्सव; क्यूआर स्कैन करते ही फ्री में मिलेंगी पुस्तकें, 23 भाषाओं में हैं 3000 से अधिक किताबें

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के शिवाजी मैदान में शनिवार से शुरू हुए 9 दिवसीय गोमती पुस्तक महोत्सव में इस बार किताबों का डिजिटल स्वरूप में देखने को मिल रहा है. पुस्तक मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को किया. पुस्तक मेले में करीब 225 से अधिक स्टाल लगे हैं. साथ ही राष्ट्रीय ई पुस्तकालय की तरफ से क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल मोड में किताबें पढ़ने के लिए प्रमोट किया जा रहा है, जो बिल्कुल मुफ्त है.पुस्तक मेले में पहली बार युवाओं के लिए डिजिटल फॉर्मेट में पुस्तकें मौजूद हैं. भारत सरकार के राष्ट्रीय ई पुस्तकालय की तरफ विशेष स्टॉल लगाया गया है. यहां क्यूआर कोड स्कैन करके डिजिटल मोड में किताबें पढ़ने के लिए प्रमोट किया जा रहा है. राष्ट्रीय ई पुस्तकालय के स्टाल पर मौजूद सतीश कुमार यादव ने बताया कि राष्ट्रीय ई पुस्तकालय नई शिक्षा नीति के तहत विभिन्न आयु वर्ग के छात्रों के लिए डिजिटल फॉर्मेट में किताबें तैयार की हैं. जिसमें फ्रिक्शन स्टोरी बुक, कॉमिक्स, धार्मिक ग्रंथ, साहित्य, वरिष्ठ लेखकों और साहित्यकारों की किताबें डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड हैं. राष्ट्रीय ई पुस्तकालय में 3000 से अधिक पुस्तकें हैं, जो निशुल्क पढ़ी जा सकती हैं. इसके लिए क्यूआर स्कैन करके राष्ट्रीय ई पुस्तकालय का ऐप डाउनलोड करना होगा. इसके बाद ई बुक्स को एक्सेस मिल जाएगा.पुस्तक मेले में नंदा पब्लिकेशन की तरफ से विभिन्न राइटर की किताबों के कई जानकारीपरक पुस्तकें भी प्रदर्शित की गई हैं. बुक स्टॉल पर 30, 000 ईयर ऑफ आर्ट्स नाम की पुस्तक युवाओं को अपनी तरफ खींच रही है. पुस्तक में दुनिया के इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं की खोज के दौरान मिली कला संस्कृति उनके आर्किटेक्चर व उनसे जुड़ी चीजों के बारे में विस्तृत चर्चा है.नंदा पब्लिकेशन की स्नेहा ने बताया कि पहले दिन इस किताब ने युवाओं का ध्यान सबसे अधिक अपनी तरफ खींचा. पुस्तक में इतिहास, पुरातत्व और प्राचीन काल से जुड़ी कई जानकारियां मौजूद हैं. इसके अलावा आर्ट ऑफ़ कंट्री लखनऊ पुस्तक में अवध के नवाबों की विस्तृत जानकारी है. साथ ही जैन धर्म से जुड़ी किताब में जैन धर्म के मंदिरों, स्मारकों, कलाकृतियों की विस्तार से जानकारी है. इसके अलावा बुक स्टाल पर दुनियाभर के नामचीन कलाकारों और पेंटर्स की जीवनी पर आधारित किताबें भी हैं.

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