मेरठ में पुलिस-गुर्जर आमने-सामने: महापंचायत में पथराव, लाठीचार्ज, 250 से अधिक गिरफ्तार, भारी पुलिस बल तैनात

राष्ट्रीय जजमेंट

मेरठ: उत्तर प्रदेश में मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव में रविवार को आयोजित गुर्जर महापंचायत में भारी हंगामा हो गया। गुर्जर समाज के हक और राजनीतिक भागीदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस पंचायत में मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।
हालांकि, पंचायत शुरू होते ही पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कई नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद भीड़ भड़क उठी और पथराव शुरू कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
राष्ट्रीय गुर्जर समाज संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र भाटी गुर्जर समेत कई नेताओं को पंचायत स्थल पहुंचने से पहले ही पुलिस ने रोक लिया और हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया।सूत्रों के अनुसार, रविंद्र भाटी, अभिनव और अमित मोतला सहित कई लोग हिरासत में लिए गए। इस कार्रवाई से नाराज भीड़ ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद कुछ स्थानों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं।गुर्जर नेताओं ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोपपंचायत में मौजूद गुर्जर नेता सुभाष भाटी ने प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, हम अपने हक और हिस्सेदारी की बात कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बीच रास्ते से लोगों को उठाकर पुलिस लाइन ले जाया। यह सरकार की तानाशाही है।उन्होंने यह भी कहा कि जातिवाद को बढ़ावा देने वालों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जबकि ठाकुर और गुर्जर एक हैं। सुभाष भाटी ने स्पष्ट किया कि उनकी निष्ठा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ है, लेकिन बिरादरी के हित उनके लिए सर्वोपरि हैं।शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाईमौके पर मौजूद एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग पंचायत के नाम पर रैली निकालने और माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया। पत्थरबाजी की कोई घटना नहीं हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।तनावपूर्ण माहौल, भारी पुलिस बल तैनातगुर्जर समाज का कहना है कि उनकी पंचायत का उद्देश्य केवल अधिकारों और टिकटों में हिस्सेदारी पर चर्चा करना था। वहीं, पुलिस का दावा है कि भीड़ का जमावड़ा माहौल खराब कर सकता था, इसलिए नेताओं को रोकना जरूरी था। घटना के बाद दादरी गांव और आसपास के इलाकों में तनाव बरकरार है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

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