‘मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं’ भगवान विष्णु की मूर्ति पर टिप्पणी को लेकर हुए विवाद पर बोले CJI गवई

राष्ट्रीय जजमेंट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बी आर गवई के गुरुवार को भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण से संबंधित एक मामले में उनकी टिप्पणियों के लिए सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आ गई. अब उन्होंने कहा कि, वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.सीजेआई ने कहा कि, किसी ने उन्हें बताया कि उन्होंने जो टिप्पणियां कीं, उन्हें सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया है. उन्होंने इस पर कहा कि, वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली बेंच ने 16 मई को मध्य प्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक भाग जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट की मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह पिछले 10 सालों से मुख्य न्यायाधीश को जानते हैं. मेहता ने कहा कि, यह गंभीर भी है, हम न्यूटन के नियम से परिचित थे कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है… अब हर क्रिया की सोशल मीडिया पर असमान प्रतिक्रिया हो रही है.” मेहता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश सभी धार्मिक स्थलों पर गए हैं.मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, यह एक पुरातात्विक खोज है, एएसआई ऐसा करने की अनुमति देगा या नहीं… इसमें कई मुद्दे हैं. मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, “इस बीच, अगर आप शैव धर्म के विरोधी नहीं हैं, तो आप वहां जाकर पूजा कर सकते हैं… वहां एक बड़ा शिव लिंग है, जो खजुराहो के सबसे बड़े लिंगों में से एक है.”याचिका में मूर्ति को बदलने या उसके पुनर्निर्माण के निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और एएसआई को कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.दलीलें सुनने के बाद, बेंच ने राकेश दलाल नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसने छतरपुर जिले के जवारी मंदिर में क्षतिग्रस्त मूर्ति को बदलने और उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करने की मांग की थी. मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर कई आलोचनात्मक पोस्ट प्रकाशित हुए.

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