पुलिस ने तोड़ा नेपाल से दिल्ली फैले नशे का जाल, 10 लाख की चरस के साथ नेपाली तस्कर गिरफ्तार

नई दिल्ली: नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही दिल्ली पुलिस ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की है। दक्षिण-पूर्वी जिले की एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने सनलाइट कॉलोनी, महारानी बाग में एक सटीक ऑपरेशन चलाकर 28 वर्षीय नेपाली ड्रग तस्कर निर्दोष लामा को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से 3.054 किलोग्राम चरस बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है।

दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के 13-सूत्रीय एजेंडे के तहत नशे की तस्करी को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसी क्रम में, दक्षिण-पूर्वी जिले की एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड (एएनएस) लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय ड्रग तस्करों पर नजर रख रही थी। मंगलवार ,16 सितंबर को हवलदार धर्मेंद्र को गुप्त सूचना मिली कि महारानी बाग क्षेत्र में एक नेपाली नागरिक बड़ी मात्रा में चरस का भंडारण कर रहा है। इस सूचना को तकनीकी और मैन्युअल तरीकों से पुख्ता करने के बाद, प्रभारी एएनएस इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।

इस टीम में सब-इंस्पेक्टर यशपाल, सब-इंस्पेक्टर अजीत, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर पूनम, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर परमजीत, हवलदार धर्मेंद्र, हवलदार महेंद्र, हवलदार करमवीर और सिपाही मनोज शामिल थे। अधिकारियों के निर्देश पर, टीम ने महारानी बाग, सनलाइट कॉलोनी में छापेमारी की। इस ऑपरेशन में निर्दोष लामा को मौके पर ही दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान उसके पास से 3.054 किलोग्राम चरस बरामद की गई।

इस मामले में थाना सनलाइट कॉलोनी में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 20/61/85 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस अब इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए गहन जांच कर रही है।

डीसीपी ने बताया कि निर्दोष लामा से सघन पूछताछ में पता चला कि वह नेपाल-आधारित एक संगठित नारकोटिक्स सिंडिकेट के लिए काम कर रहा था। यह सिंडिकेट भारत और अन्य देशों में नशे की तस्करी में लिप्त है। आरोपी ने बताया कि वह चरस की खेप को दिल्ली में सप्लाई करने के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन उसकी गतिविधियां इस बात का संकेत देती हैं कि वह एक बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा था।

डीसीपी हेमंत तिवारी ने इस ऑपरेशन को एएनएस टीम की कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट समन्वय का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “नशा मुक्त भारत अभियान के तहत हमारी टीमें दिन-रात नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। यह गिरफ्तारी न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि समाज को नशे की बुराई से मुक्त करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।” पुलिस इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों तक पहुंचने के लिए लगातार पूछताछ और तकनीकी निगरानी कर रही है।

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