बदायूं: हिंदू मां मुस्लिम रिवाज से क्‍यों चाहती है बेटे का अंतिम संस्‍कार? गांव वाले किसी कीमत पर तैयार नहीं

राष्ट्रीय जजमेंट

बदायूं: यूपी के बदायूं से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पूरे गांव में तनाव फैल गया है। दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव सुखौरा में इन दिनों पुलिस तैनात है। दरअसल, गांव निवासी ओमकार सिंह पंडा ने 30 साल पहले एक मुस्लिम से शादी की थी। विवाह के बाद महिला ने हिंदू धर्म अपना लिया। आधार कार्ड में उसका नाम लक्ष्‍मी लिखाया गया। दंपती के पांच बच्‍चे हुए। तीन बेटियां और दो बेटे। तीनों बेटियों की हिंदू परिवारों में शादी हुई।पांच साल पहले ओमकार सिंह पंडा का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्‍कार भी हिंदू रीत‍ि-रिवाज से हुआ। एक दिन पहले 10 सितंबर को लंबी बीमारी के बाद लक्ष्‍मी के बेटे संजू की भी मौत हो गई। अब लक्ष्‍मी को जाने क्‍या सूझा कि उसने बेटे का अंतिम संस्‍कार मुस्लिम रीति-रिवाज से करने की मांग उठा दी। गांव वाले इसका विरोध कर रहे हैं। संजू का बड़ा भाई बिरजू दिल्‍ली में रहता है। पुलिस ने उसको और बहनों को गांव बुलाया है। उनके आने के बाद ही संजू के अंतिम संस्‍कार पर कोई फैसला लिया जा सकेगा।विरोध के चलते अभी रखी हुई है संजू की डेडबॉडीगांव वालों का कहना है कि 30 सालों से लक्ष्‍मी सभी हिंदू रीति रिवाजों का पालन कर रही हैं। अब बेटे संजू का अंतिम संस्‍कार वह मुस्लिम रीति रिवाज से करना चाहती हैं, ये बात समझ में नहीं आ रही है। गांव वालों के विरोध के चलते संजू की डेडबॉडी अभी रखी हुई है।

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