राष्ट्रीय जजमेंट
झांसी: प्रधान डाकघर झांसी में फर्जी खाते खोलकर 64 लाख रुपए गबन करने के मामले में सीबीआई ने लखनऊ की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। इस मामले में सीबीआई ने डाक विभाग के दो कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। मामले में कुल 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिनमें से 12 लोगों के नाम जांच के दौरान मुकदमे से बाहर हो गए और 4 अब लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है।गबन का यह मामला वर्ष 2016 में हुआ था। डाक विभाग के कर्मचारियों ने फर्जी खाते खोले। उसमें रकम जमा करने की फर्जी एंट्री की। एंट्री के बाद इस धनराशि को खाते से निकाल लिया। सिस्टम ऑनलाइन नहीं होने के कारण तत्काल ट्रेस किया जाना संभव नहीं था। फर्जीवाड़ा खुद डाक विभाग के कर्मचारी कर रहे थे, इसलिए किसी को संदेह नहीं हो सका। जब जमा और निकासी की धनराशि में अंतर आया तो मामले की विभागीय स्तर पर पड़ताल शुरू हुई और कहानी खुलकर सामने आ गई।
फर्जीवाड़े के मकसद से प्रधान डाकघर समेत अन्य डाकघरों में अरुण कुमार, ए. कुमार, अनिल राजपूत के नामों से फर्जी दस्तावेज लगाकर सात बचत खाते खोले गए। इन खातों के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर रुपए निकाले गए। वर्ष 2022 में इस गबन की सूचना केंद्र सरकार को भेजी गई। इसके बाद सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इन 16 में से 12 लोगों के नाम मुकदमे से बाहर करते हुए 4 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है।
सीबीआई ने दो डाक सहायकों अरविंद पटेल और अशोक कुमार के अलावा दो बाहरी लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक वरुण मिश्रा ने बताया कि फर्जी खाते खोलकर गबन के मामले में 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इनमें से चार के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया गया है।
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मेरठ के बिल्डर्स ने 20 करोड़ में बेच दी थाने की जमीन; पैमाइश से खुला राज, पुलिस ने दो को दबोचा
मेरठ: फर्जी कागजात के आधार पर जमीन की प्लाटिंग और बिक्री आम बात है. लेकिन मेरठ में तो ठगों ने एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित जमीन को ही बेच डाला. बिल्डर्स ने अपनी कॉलोनी से सटी सरकारी जमीन की प्लॉटिंग की और 20 करोड़ में बेचा. गुरुवार की रात पुलिस ने यह कारनामा करने वाले दो शातिर बदमाशों को हिरासत में लिया है. यह लोग पल्लवपुरम थाना क्षेत्र में एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित जमीन पर प्लॉट काटकर बेच रहे थे.जानकारी के मुताबिक, पल्ल्वपुरम थाने में दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि, बिल्डरों ने मधुर एंक्लेव नाम से बसाई जा रही कॉलोनी की आड़ में फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए. जो जमीन एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित थी, उसी जमीन को बेचना शुरू कर दिया.मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी. जमीन की पैमाइश के दौरान सरधना तहसील के लेखपाल हरवीर सिंह ने मामले का खुलासा किया और रिपोर्ट अधिकारियों को दी. अधिकारियों के निर्देश के बाद कई बिल्डर्स के खिलाफ पल्ल्वपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया.20 करोड़ में बेच दी थाने की जमीन: इंस्पेक्टर पल्ल्वपुरम रमेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. आरोप है, कि बिल्डर आशीष गुप्ता, आदित्य गुप्ता, अजय चौधरी और अंशु ने अपनी कॉलोनी में काटे गए प्लॉट के साथ ही थाने के लिए स्वीकृत भूमि को लगभग 20 करोड़ रुपए में बेच दिया.पुलिस कर रही पूछताछ: दौराला पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि पुलिस और एसओजी टीम ने दर्ज शिकायत के आधार पर दबथुवा गांव के प्रॉपर्टी कारोबारी अजय, स्वाहेडी बिजनौर के रहने वाले अंशु को हिरासत में लिया है.दोनों से शीर्ष अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में नामजद आशीष गुप्ता, आदित्य गुप्ता की तलाश भी शुरु कर दी है. जमीन बेचने के मामले आशीष गुप्ता और आदित्य गुप्ता के खिलाफ पुलिस टीम सबूत भी इकट्ठा कर रही है.2024 में आवंटित की गई थी जमीन: डीएम कार्यालय के आदेश के बाद 27 सितंबर 2024 को पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के मुकर्रबरपुर पल्हैड़ा गांव में खसरा संख्या 609/5 पर करीब तीन हजार वर्ग मीटर बंजर श्रेणी की भूमि को एंटी करप्शन थाने के निर्माण कराने के लिए आवंटित किया गया था. इसकी पत्र संख्या 840/7, DLRC/2024 है.तब इस मामले में मुकर्रबरपुर पल्हैड़ा में एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित तीन हजार वर्ग मीटर भूमि पर कब्जा किए जाने की शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन मेरठ मंडल की तरफ से 25 अप्रैल 2025 को सरधना एसडीएम और तहसीलदार को दी गई. इसके बाद जमीन की पैमाइश में यह फ्रॉड सामने आया है.
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