लाल किला परिसर में जैन समुदाय के धार्मिक आयोजन से 1.5 करोड़ के सोने-रत्न जड़े कलश चोरी

नई दिल्ली: राजधानी के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में जैन समुदाय के धार्मिक आयोजन ‘पर्युषण पर्व’ के दौरान एक चोर ने सनसनीखेज ढंग से दो कीमती स्वर्ण कलश चुरा लिए। इनमें एक बड़ी झारी (कलश) और उस पर लगा सोने का नारियल, कुल वजन 760 ग्राम, तथा एक छोटी झारी, जिस पर हीरे, माणिक और पन्ने जड़े थे, वजन 115 ग्राम, शामिल थी। दोनों कलश मैरून रंग के मखमली डिब्बे में रखे थे, जिनकी अनुमानित कीमत 1.5 करोड़ रुपये है। हाई-सिक्योरिटी जोन में हुई इस चोरी ने दिल्ली पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर धार्मिक वेशभूषा में भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान कर ली गई है और पुलिस ने जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है।

लाल किले के सामने 15 अगस्त पार्क में 28 अगस्त से 9 सितंबर तक जैन समुदाय का ‘दशलक्षण महापर्व’ चल रहा है। बुधवार, 3 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के स्वागत के दौरान मंच पर अफरा-तफरी का माहौल था। इसी बीच, चोर ने पूजा स्थल पर रखे मैरून मखमली डिब्बे में बंद दो स्वर्ण कलश चुरा लिए। पहली झारी 760 ग्राम शुद्ध सोने की थी, जिस पर सोने का नारियल जड़ा था। दूसरी छोटी झारी 115 ग्राम की थी, जिसमें हीरे, माणिक, पन्ना और मोती लगे थे। ये कलश दिल्ली के कारोबारी सुधीर जैन की निजी संपत्ति थे, जो रोजाना पूजा के लिए इन्हें लाते थे। जैन धर्म में कलश स्थापना को भगवान के आह्वान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चोर धोती-कुर्ता पहने जैन पुजारी की वेशभूषा में कई दिनों से आयोजन में घूम रहा था, ताकि उस पर शक न हो। उसने भीड़ में मौका देखकर मखमली डिब्बे को अपने झोले में छिपाया और फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज में उसकी हरकतें कैद हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर ली है। दिल्ली पुलिस ने सुधीर जैन की शिकायत पर आईपीसी की धारा 303(2) के तहत मामला दर्ज किया है। फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है।

पुलिस का कहना है कि जांच तेजी से चल रही है। संदिग्ध की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं, और आसपास के इलाकों में छापेमारी जारी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।

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