बहुप्रतीक्षित योगी मंत्रिमंडल विस्तार की शुभ घड़ी जल्द, सपा से निष्कासित पूजा पाल समेत पिछड़े-दलित नेताओं को मौका!

राष्ट्रीय जजमेन्ट

 

लखनऊ: 2014, 2017, 2019, 2022 और 2024 के बाद अब सबकी नजरें यूपी विधानसभा चुनाव-2027 पर टिकी हुई हैं। यह चुनाव हर राजनीतिक दल के लिए बेहद अहम है, क्योंकि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। उधर, सत्ताधारी बीजेपी 2027 विधानसभा चुनाव को जीतने और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन पिछले 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जो यूपी में करारी शिकस्त मिली है, उन नतीजों ने बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आगाह कर दिया है।बीजेपी को मिले इस झटके में समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) का अहम रोल माना जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने अब अपने पुराने और खराब नतीजों से सबक लेते हुए सपा के PDA की धार को कुंद करने के लिए एक खास रणनीति बनाई है। जिसकी बानगी आगामी चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल विस्तार में ही देखने को मिल जाएगी।नवरात्र के शुभ दिनों में हो सकता मंत्रिमंडल विस्तार
दरअसल, लंबे समय से यूपी की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार संभावित है। कई बार चर्चाएं हुईं, लेकिन यह चर्चाओं तक ही सीमित रह गया। पर, अब जल्द ही वो शुभ घड़ी आने वाली है, जिसका MLA-MLC से लेकर सत्तापक्ष और सबसे ज्यादा विपक्ष इंतजार कर रहा है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो योगी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार आने वाले शुभ दिनों में हो सकता है। यानी आगामी नवरात्र के दिनों में मंत्रिमंडल के विस्तार होने की प्रबल संभावना है। यह मंत्रिमंडल विस्तार आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस विस्तार में जो जातीय और सामाजिक समीकरण दिखाई देंगे, वही बीजेपी की आगे की रणनीति होगी। यानी कि विधानसभा चुनाव की चुनावी रणनीति की छाप ये मंत्रिमंडल विस्तार छोड़ जाएगा।
सपा से निष्कासित पूजा पाल का मंत्री बनना लगभग तय
योगी मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वालों में अब तक कई नेताओं के नाम चल चुके हैं, जो सिर्फ चर्चाओं तक ही सीमित रह गए हैं, लेकिन इस मंत्रिमंडल में समाजवादी पार्टी से निष्कासित होने वाली विधायक पूजा पाल का नाम शामिल होना तय माना जा रहा है। पूजा पाल को मंत्री बनाकर बीजेपी एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करेगी।
पूजा पाल के मंत्री बनने की सबसे ज्यादा ताकत उनके अति पिछड़े वर्ग से आना बताया जा रहा है। साथ ही उन्होंने हाल ही में विधानसभा सत्र में जिस तरह से माफिया अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा खोला और सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की, उसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस नाते बीजेपी को ऐसा लगता है कि उनके साथ जनता की सिम्पैथी रहेगी।
बसपा, सपा के बाद अब बीजेपी से जल्द शुरू करेंगी नई पारी
पूजा पाल अपने 20 साल के सियासी सफर में 13 साल बसपा और करीब साढ़े छह साल सपा में रही हैं। अब सपा से भी निष्कासित होने के बाद जल्द ही पूजा पाल बीजेपी से नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं। हाल ही में उन्होंने सीएम योगी से भी मुलाकात की थी। जिसके बाद से चर्चा तेज है। उन्हें बीजेपी ज्वाइन कराने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किया जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह ने बताया कि बीजेपी पूजा पाल को महिला फायर ब्रांड नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकती है। साथ ही पूजा पाल को मंत्री बनाकर बीजेपी अखिलेश यादव के पीडीए को भरपूर चोट पहुंचाने की भी कोशिश करेगी। इसी तरह ओबीसी के अन्य लोगों को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
पूजा पाल BJP की बनेंगी फायर ब्रांड महिला नेता
समाजवादी पार्टी के PDA से निपटने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है। अब बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस अखिलेश यादव में PDA के A (अल्पसंख्यक यानी मुसलमान) को छोड़कर P यानी पिछड़ा और D यानी दलित पर है। लोकसभा चुनाव में पिछड़े और दलित वर्ग के वोटर जो सपा में चले गए थे, बीजेपी अब ऐसे लोगों को अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश में जुट गई है।इसी वजह से सत्ताधारी बीजेपी का अब पूरा फोकस पिछड़ा और दलित पर है। वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि यूपी बीजेपी के पास अभी भी महिला फायर ब्रांड नेता की कमी है और पूजा पाल ने जिस तरह से सदन में अपने पति के हत्यारे अतीक अहमद के खिलाफ बयानबाजी करते हुए सीएम योगी की तारीफ की है, उससे बीजेपी को महिला फायर ब्रांड नेता की कमी दूर होती हुई नजर आ रही है।
संवर्ण नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलना मुश्किल
बीजेपी ऐसा करके अतीक के बहाने एंटी मुस्लिम और अखिलेश के दलित वोट में सेंधमारी करेगी। वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि सपा से निष्कासित होने के बाद पूजा पाल अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो गई हैं। अब वो कहीं भी जा सकती हैं, इसलिए मंत्री बनाने से पहले पूजा पाल बीजेपी ज्वॉइन करेंगी।
वरिष्ठ पत्रकार की मानें तो इस मंत्रिमंडल विस्तार में किसी ठाकुर-पंडित नेता को शामिल किया जाएगा, इसकी संभावनाएं बेहद कम है, क्योंकि इनका (ठाकुर-पंडित) पर्याप्त प्रतिनिधित्व मौजूदा सरकार में हैं। ऐसे अगर बीजेपी किसी संवर्ण नेता को मंत्रिमंडल में शामिल करती है तो अखिलेश यादव का पीडीए और ताकतवर हो जाएगा। इस मुद्दे को भुनाते हुए अखिलेश यादव बीजेपी पर हमलावर भी हो सकते हैं, इसलिए मंत्रिमंडल में अधिकतर पिछड़े और दलित वर्ग से आने वाले नेता ही मंत्री बनेंगे।
भूपेंद्र चौधरी, आकाश सक्सेना समेत कई नाम चर्चा में, राजा भैया लिस्ट में नहीं!
इस लिस्ट में पूजा पाल के अलावा रामपुर से विधायक आकाश सक्सेना भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। साथ ही मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से उपचुनाव जीतने वाले विधायक ठाकुर रामवीर सिंह, मौजूदा यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत कुछ अन्य नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
योगी सरकार में 7 मंत्रियों की जगह खाली है, जिसमें से 5 नए नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। रामवीर सिंह ने कुंदरकी और आकाश सक्सेना ने रामपुर सीट से जीत दर्ज करके एक मैसेज देने का काम किया है। वहीं, कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के मंत्री बनाए जाने की चर्चा जरूर जोरों पर हैं, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए, ऐसी संभावना बेहद कम है।इसके अलावा मौजूदा मंत्रियों का प्रमोशन और विभाग में बदलाव किया जा सकता है। कुछ स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। साथ ही कुछ कैबिनेट मंत्रियों के विभाग चेंज किए जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पीडब्ल्यूडी जैसा कोई बड़ा विभाग मिल सकता है। जितिन प्रसाद के सांसद बनने के बाद से पीडब्ल्यूडी खाली है। ये मुख्यमंत्री योगी के पास है, जबकि इस विभाग के राज्यमंत्री ब्रजेश सिंह है।
इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के पदों में छटनी हो सकती है। उनके पास ऊर्जा के साथ-साथ नगर विकास विभाग की भी जिम्मेदारी है। हाल ही में ऊर्जा विभाग काफी चर्चाओ में रहा है। बिजली निजीकरण से लेकर बिजली कटौती को लेकर मंत्री एके शर्मा को काफी विरोध भी झेलना पड़ा है। जिसके बाद से उनके विभागों में कटौती संभव है। इतना ही नहीं, कुछ मंत्रियों को पद से हटाया भी जा सकता है।

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